लखनऊ: अमित शाह के तीन दिवसीय यूपी दौरे के बीच लखनऊ में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। इस कड़ी में सपा के तीन एमएलसी भुक्कल नवाब, यशवंत सिंह और मधुकर जेटली ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। सपा में तीन एमएलसी विधायकों के इस्तीफे के बीच बसपा के एक एमएलसी जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि ये तीनों नेता सपा छोड़ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। एमएलसी के इस्तीफों पर बोलतते हुए सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि एमएलसी और एमएलए को लालच देकर भाजपा तोड़ रही है। भाजपा जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। बिहार में इन लोगो ने राजनीतिक भ्रष्टाचार किया और अब गुजरात में कांग्रेस को तोड़ने में लगे हैं। दरअसल इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि सूबे की सत्ता में काबिज भाजपा को अपने मंत्रिमंडल के कई चेहरों को विधान परिषद में भेजना है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दो डिप्टी सीएम दिनेश्ा चंद्र शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य के अलावा मोहसिन रजा और स्वतंत्र देव सिंह के नाम शामिल हैं। मंत्रिमंडल का सदस्य होने के नाते इनको किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है, जोकि अभी ये नहीं हैं। इसी कड़ी में सपा के तीन एमएलसी के इस्तीफों को जोड़कर देखा जा रहा है।
इनके भाजपा में जाने से ये सीटें खाली हो जाएंगी। लिहाजा भाजपा आसानी ने अपने चेहरों को एमएलसी बना सकेगी। इस कड़ी में सपा के इन नेताओं का इस्तीफा एमएलसी चुनावों के लिहाज से भाजपा के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि सूबे की सत्ता में आए भाजपा को चार महीने हो चुके हैं और अगले दो महीनों के भीतर उसको अपने मंत्रियों को किसी सदन का सदस्य बनाना जरूरी है। हालांकि इस बात की भी चर्चा है कि फूलपुर से सांसद केशव प्रसाद मौर्य को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है और केशव प्रसाद मौर्य को वहां जगह मिल सकती है। उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तीन दिवसीय दौर पर शनिवार को यहां पहुंच गए हैं। हवाईअड्डे पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। शाह इस दौरान 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का खाका खींचेंगे। वह साथ ही संगठन के लोगों के संग मंत्रियों, मुख्यमंत्री के अलावा संघपरिवार के संगठनों से भी बातचीत करेंगे। उनका राजधानी के प्रबुद्घ जनों से भी मुलाकात का कार्यक्रम है। तीन दिन के प्रवास में वह कुछ मतदान केंद्रों पर भी जाएंगे। वह किसी दलित के यहां भोजन भी कर सकते हैं। संघ परिवार के संगठनों के साथ भी उनकी समन्वय बैठक होगी। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि देश के अलग-अलग राज्यों के 92 दिन के प्रवास पर निकले शाह अलग-अलग राज्यों में तीन-तीन दिन रुककर सभी स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं। इस दौरान वह संगठनात्मक ढांचे को समझने के अलावा, अगर वहां उनकी पार्टी की सरकार है, तो उसके कामकाज की समीक्षा भी कर रहे हैं।