लखनऊ: विधान परिषद में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का बजट झूठ का पुलिंदा है। सपा सरकार के कामों को अपना बता कर ये सरकार योजनाएं चला रही है। वहीं जनहित में चल रही योजनाओं को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को समाजवादी शब्द बुरा लगता है। 55 लाख महिलाओं की पेंशन इस सरकार ने छीन ली है। 108 एंबुलेंस से भी समाजवादी नाम हटा दिया गया। अब तो जगह-जगह गांधी जी का सिर्फ चश्मा नजर आ रहा है। राष्ट्रपिता बापू कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में भी समाजवादी शब्द लिखा हुआ है। इनकी हैसियत नहीं है कि संविधान से समाजवादी शब्द को हटा सकें। अखिलेश ने कहा कि आपने चुनाव से पहले कहा था कि हम प्रदेश में सभी वैध-अवैध स्लाटर हाउस को बंद कर देंगे। अब आपको यह बताना होगा कि एक्सपोर्ट क्यों बढ़ रहा है। आप लोग राजनीति को किस दिशा में ले जा रहे हैं? उन्होंने गोमती किनारे घूमने आने वाले लोगों की बात करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को पता ही नहीं है कि राज्य सरकार यहां की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश कर रही है। केंद्र में जिसकी भी सरकार रही है उसने सीबीआई जांच की बात कह कर नेताओं को डराने का काम किया है।
जिसका जीता-जागता उदाहरण लालू प्रसाद यादव हैं। अखिलेश ने कहा कि हम अखबारों में पढ़ रहे हैं कि किसी को दिल्ली भेजा जा रहा है। अखबारों में इस बात की भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को हिदायत दे रहे हैं कि कोई भी ट्रांसफर-पोस्टिंग की सिफारिश नहीं करेगा। दरअसल, मंत्रियों को काम नहीं करना है तो वह ट्रांसफर-पोस्टिंग की ही सिफारिश करेंगे। उन्होंने सभी दलों के नेताओं व सभी सदस्यों का धन्यवाद देते हुए बजट पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विकास रोकने का बजट है। किसानों की कर्ज माफी के लिए 36 हजार करोड़ दिए गए हैं। हालांकि चुनाव से पहले उन्होंने किसानों के सभी तरीके के कर्ज माफ करने की बात कही थी। अखिलेश यादव ने बजट में लिखे शेर वतन की रेत पर मुझे एड़ियां रगड़ने दे... का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश दोनों जगह आपकी सरकार है। उन्होंने कहा कि सन 2019 में जनता जवाब देगी कि कितना विकास किया है आपने। हाल यह है कि किसान दुखी है। नौजवान परेशान हैं। इस बजट में कुछ नहीं है। यह बजट उत्तर प्रदेश का विकास रोकने वाला है। ऐसे में अगर हम तीनों दल एक हो गए तो आपका क्या होगा?