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नई दिल्ली: संसद की सदस्यता से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद आज (रविवार) बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भाजपा के ‘दलित विरोधी’ रूख के विरोध में उनकी पार्टी इस साल 18 सितम्बर से राज्यव्यापी कार्यक्रम की शुरूआत करेगी। मायावती ने कहा कि उन्हें ‘उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलित विरोधी हिंसा पर बोलने नहीं दिया गया’ जिस वजह से उन्होंने 18 जुलाई को इस्तीफा दिया था, ऐसे में हर महीने की 18 तारीख को कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बसपा के इस कार्यक्रम की शुरूआत सितम्बर से हो रही है। मायावती की पार्टी हर महीने उत्तर प्रदेश के दो मंडलों के कार्यकर्ताओं का एक कार्यक्रम आयोजित करेगी जिसमें मायावती भाग लेंगी। आंदोलन के इस कार्यक्रम की शुरूआत मेरठ से होगी। ‘भाजपा को बेनकाब करने’ के लिए यह कार्यक्रम अगले साल जून तक चलेगा। उन्होंने पार्टी के सांसदों, विधायकों और दूसरे नेताओं के साथ चर्चा के बाद इस रणनीति का ऐलान किया। जून, 2018 के बाद आगे के कार्यक्रम की घोषणा होगी। उसमें हर विधानसभा के हिसाब से कार्यक्रम बनेगा। हालांकि 2019 के आम चुनावों मद्देनजर मायावती बीच-बीच में देश के अन्य हिस्सों का दौरा भी करेंगी।

राजनीतिक हलकों में मायावती के इस कदम को उनके दलित वोट बैंक को मजबूत करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। राज्यसभा से इस्तीफ़े के बाद से ही ये कयास लगने लगा है कि मायावती फूलपुर उपचुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो मायावती किसी एक सीट पर उलझे रहने की बजाय पूरे प्रदेश में अपनी ताकत लगाना चाहती हैं।

 

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