मैनपुरी: सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उन्हें कठघरे में खड़ा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार बनाने के लिये और साम्प्रदायिक ताकतों को हटाने के लिये सपा ने कांग्रेस से समझौता किया है और हार का अंदाजा हो जाने की वजह से मोदी गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं। अखिलेश ने मैनपुरी में सपा प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित रैली में कहा कि मोदी जी ने कन्नौज में कहा कि हमने कांग्रेस से दोस्ती करके नासमझी की। हमने यह इसलिये किया ताकि हमारे लोगों के अंदर से सरकार बनाने को लेकर भ्रम और दुविधा निकल जाए। हमने सरकार बनाने के लिये और साम्प्रदायिक ताकतों को हटाने के लिये कांग्रेस से समझौता किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी वर्ष 1984 की याद दिला रहे हैं। उन्हें इतनी दूर जाने की क्या जरूरत थी। अगर आपको हमें ही कांग्रेस के प्रति गुस्सा दिलाना था तो आप हमें फिरोजाबाद वाली बात याद दिला देते। वहां उपचुनाव में कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष (राज बब्बर) ने हमें हराया था। ये इसलिये याद दिला रहे हैं क्योंकि इस बार उत्तर प्रदेश का चुनाव उन्होंने खो दिया है। अब उनके पास और कोई रास्ता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी कहते हैं कि मुझे अनुभव नहीं है, इसीलिये मैंने कांग्रेस से गठबंधन किया। याद रखना साथियों, साइकिल तभी सीख पाते हो, जब एक बार गिर जाते हो।
हम कम से कम साइकिल चलाना तो सीख ही गये हैं। हम साइकिल इतनी तेज चला सकते हैं कि ना हाथी ही आसपास आ सकता है और ना ही कमल वाले आ सकते हैं। मालूम हो कि मोदी ने कल कन्नौज में अपनी जनसभा में कहा था कि मुलायम वर्ष 1984 में जब विधान परिषद में विपक्ष के नेता थे, तब उनके कड़े विरोध से तंग आकर कांग्रेस ने चार मार्च 1984 को मुलायम पर गोलियां चलवायी थीं मगर वह बच गये थे। अखिलेश कुर्सी के मोह में अपने बाप पर हमला कराने वाले लोगों की गोद में बैठकर राजनीति कर रहे हैं। अखिलेश ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की ही है। बीते दिनों हमारी कड़ी परीक्षा ली गई लेकिन उस दौरान (पार्टी में कलह के समय) हालात के मुताबिक फैसला लिया। अब ये चुनाव साइकिल और मेरा है। हमने कुर्सी के लिए कुछ भी नहीं किया है। अखिलेश ने लोगों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि किसानों के लिए अभी बहुत कुछ करना है। साथ उन्होंने यह वादा किया कि पुलिस भर्ती के लिए अब परीक्षा नहीं देनी होगी। जो भी युवा दौड़ में अव्वल होगा उसे पुलिस की नौकरी मिलेगी।