बेंगलुरु: देश के 26 विपक्षी दलों ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपने नए गठबंधन का नाम तय करने के साथ यह भी कहा कि वे देश के समक्ष एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे तथा शासन के सार एवं शैली में इस तरह से बदलाव करेंगे कि वो अधिक परामर्श योग्य, लोकतांत्रिक और सहभागी हों। इन दलों ने सरकार पर भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को कमजोर करने और देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
विपक्षी दलों ने बैठक में पारित ‘सामूहिक संकल्प’ में कहा, ‘‘हम संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं। हमारे गणतंत्र के चरित्र पर भाजपा द्वारा व्यवस्थित तरीके से गंभीर हमला किया जा रहा है। हम अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को व्यवस्थित रूप से और खतरनाक रूप से कमजोर किया जा रहा है।
विपक्षी दलों ने कहा, ‘‘हम मणिपुर को तबाह करने वाली मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। प्रधानमंत्री की खामोशी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है। मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि वे संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर जारी हमले का मुकाबला करने और उनका सामना करने के लिए दृढ़ हैं।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया, ‘‘हमारी राजनीति के संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। गैर-भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों और उपराज्यपालों की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से इतर रही है। भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एजेंसियों का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। गैर-भाजपा शासित राज्यों की वैध जरूरतों, आवश्यकताओं और अधिकारों को केंद्र द्वारा सक्रिय रूप से अस्वीकार किया जा रहा है।’’
विपक्षी पार्टियों के अनुसार, वे आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों और रिकॉर्ड बेरोजगारी के गंभीर आर्थिक संकट का सामना करने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी अपने साथ एमएसएमई और असंगठित क्षेत्रों में अनकही दुर्दशा लेकर आया, जिसके परिणामस्वरूप हमारे युवाओं में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी आई। हम पसंदीदा मित्रों को देश की संपत्ति की लापरवाही से बिक्री का विरोध करते हैं।’’
विपक्षी दलों ने कहा, ‘‘हमें एक मजबूत और रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ एक प्रतिस्पर्धी और फलते-फूलते निजी क्षेत्र के साथ एक निष्पक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए, जिसमें उद्यम की भावना को बढ़ावा दिया जाए और विस्तार करने का हर अवसर दिया जाए। किसान और खेत मजदूर के कल्याण को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।’’
विपक्ष ने कहा, ‘‘हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आए हैं, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए; सभी सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए एक निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं; और, पहले कदम के रूप में, जाति जनगणना को लागू करें।’’
उनका कहना है, ‘‘हम अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाने, प्रताड़ित करने और दबाने के लिए भाजपा की प्रणालीगत साजिश से लड़ने का संकल्प लेते हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘नफरत के उनके जहरीले अभियान ने सत्तारूढ़ दल और उसकी विभाजनकारी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ द्वेषपूर्ण हिंसा को जन्म दिया है। ये हमले न केवल संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि उन बुनियादी मूल्यों को भी नष्ट कर रहे हैं जिन पर भारत गणराज्य की स्थापना हुई है।’’
विपक्षी पार्टियों ने कहा कि भारतीय इतिहास का पुनर्निमाण और पुनर्लेखन करके सार्वजनिक विमर्श को दूषित करने के भाजपा के बार-बार किए जा रहे प्रयास सामाजिक सद्भाव का अपमान हैं।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम राष्ट्र के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लेते हैं। हम शासन के सार और शैली दोनों को अधिक परामर्श योग्य, लोकतांत्रिक और सहभागी बनाने के लिए इन्हें बदलने का वादा करते हैं।’’
विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखा है।