नई दिल्ली: कनार्टक के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डी. के. शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इससे पहले शिवकुमार सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष कथित धनशोधन (मनी लॉ्ड्रिरंग) मामले में तीसरी बार पूछताछ के लिए पेश हुए थे। वहीं, ईडी ने मामले के संबंध में शुक्रवार व शनिवार को 13 घंटे से अधिक समय तक कांग्रेस नेता से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 का उल्लंघन करते हुए हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया है।
एजेंसी ने शिवकुमार से उनकी संपत्तियों के साथ ही नकदी से भरे बैग के बारे में पूछताछ की, जो उन्होंने अपने सहयोगियों के माध्यम से चांदनी चौक स्थित एक ट्रैवल कंपनी के मालिक को भेजे थे। ईडी अधिकारियों के अनुसार, शिवकुमार को सोमवार सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह 12 बजे एजेंसी मुख्यालय पहुंचे। शिवकुमार ने इससे पहले इस साल जनवरी और फरवरी में ईडी द्वारा जारी किए गए सम्मन को नजरअंदाज कर दिया था।
लेकिन पिछले सप्ताह ही वित्तीय जांच एजेंसी की ओर से होने वाली गिरफ्तारी से अंतरिम राहत पाने के लिए उनकी याचिका को कनार्टक हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसलिए उन्हें अब ईडी के सामने पेश होना पड़ा।
शिवकुमार 2016 में नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग और ईडी के रडार पर हैं। उनके नई दिल्ली स्थित फ्लैट से दो अगस्त, 2017 को आयकर विभाग की तलाशी के दौरान 8.59 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई थी। इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 277 और 278 के तहत और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 (बी), 193 और 199 के तहत मामले दर्ज किए।
आयकर विभाग के आरोप-पत्र के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। शिवकुमार ने उन्हें और राज्य के अन्य विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए कनार्टक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा पर आरोप लगाया है।