नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत पर जल्द से जल्द वोटिंग की मांग वाली दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ से निर्दलीय विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वास मत पर देरी कर रहे हैं। इस पर निर्दलीय विधायकों की याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए अदालत ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष की ओर से न्यायालय को सूचित किया गया कि विश्वासमत की प्रक्रिया आज शाम तक पूरी हो जाएगी।
पीठ ने कहा कि इस मामले न्यायालय मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान के लिये इन विधायकों की याचिका पर अब बुधवार को सुनवाई करेगा। उधर, कर्नाटक के 13 बागी विधायकों को स्पीकर केआर रमेश कुमार ने पत्र लिखकर 11 बजे तक मिलने के लिए बुलाया था। जिसके बाद विधायकों ने स्पीकर को पत्र लिखकर बंगलूरू विधान सौधा में उनके सामने पेश होने के लिए ज्यादा समय की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें चार हफ्ते का समय दिया जाए।
दिन भर चले घटनाक्रम के बाद बीती देर रात कर्नाटक विधानसभा में बहुमत परीक्षण के लिए चल रही कार्यवाही मंगलवार सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा स्पीकर ने जानकारी दी कि आज शाम छह बजे सदन में कुमारस्वामी सरकार बहुमत साबित करेगी।
उधर, सिद्धारमैया ने कहा कि हम आज शाम चार बजे तक अपने कुछ सदस्यों से चर्चा करने के बाद शाम छह बजे तक सदन में बहुमत साबित करेंगे।
इससे पहले कुमारस्वामी ने सदन में कहा- मुझे सूचना मिली है कि मैंने राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है। मुझे नहीं पता कि कौन सीएम बनने की कतार में है। किसी ने मेरे फर्जी दस्तखत किए है और सोशल मीडिया में इसकी खबर उड़ा दी गई है। इस तरह की सस्ती लोकप्रियता से मैं हैरान हूं। सीएम कुमारस्वामी के टेबल पर एक पत्र दिखा जिसे उनका इस्तीफा बताया जा रहा है। हालांकि सीएमओ ने कहा कि ये फर्जी है।
सदन में कांग्रेस विधायक एच के पाटिल ने कहा कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही बहुमत परीक्षण पर फैसला लिया जाना चाहिए। इस पर स्पीकर ने कहा- मुझे मजबूर मत कीजिए कि मैं आपको बताए बिना ही कोई फैसला ले लूं। इसके नतीजे बहुत ही खराब होंगे।