बेंगलुरू: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के बाद कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने कल शनिवार सुबह 11 बजे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कनार्टक विधानसभा में शनिवार को चार बजे शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। न्यायालय ने राज्य की भाजपा सरकार की गुप्त मतदान की केंद्र सरकार की मांग खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट के लिए भाजपा विधायक केजी बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। इसके लिए राज्यपाल वजुभाई वाला ने शुक्रवार को बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। बोपैय्या पिछली बार भाजपा सरकार में कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर थे। फिलहाल वे विराजपेट सीट से भाजपा के विधायक हैं। बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर कांग्रेस की तरफ से सख्त ऐतराज जताया गया.।उनके नाम पर पार्टी सहमत नहीं है। पार्टी की तरफ से कहा गया कि 'इस मामले में हमारे पास सारे विकल्प खुले हैं और इस मुद्दे पर हम कब कोर्ट में जाएंगे, नहीं बता सकते।'
दरअसल, कर्नाटक में सियासी ड्रामा शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा की तरफ शिफ्ट हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि कर्नाटक विधानसभा में 19 मई को शाम चार बजे शक्ति परीक्षण होगा। भाजपा की तरफ से पेश वकीलों ने कहा कि सीक्रेट बैलट पेपर (गुप्त मतदान) से यह परीक्षण होना चाहिए, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील को खारिज करते हुए कहा कि 18 मई को शाम चार बजे तक प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जानी चाहिए। इसी प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में 19 मई को विधानसभा का शक्ति परीक्षण कराया जाएगा। कोर्ट ने किसी पर्यवेक्षक की नियुक्ति नहीं की। ऐसे में सारी निगाहें अब प्रोटेम स्पीकर पर टिक गई हैं।
19 मई को शाम 4 बजे होगा शक्ति परीक्षण
न्यायालय ने कहा कि सबसे पहले विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टेम स्पीकर) नियुक्त किया जायेगा। कल चार बजे से पहले सभी विधायकों को शपथ दिलायी जाएगी और चार बजे शक्ति परीक्षण होगा। विश्वास मत की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी नहीं करायी जायेगी। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस दौरान बी एस येदियुरप्पा सरकार न तो कोई नीतिगत फैसला लेगी और न ही एंग्लो-इंडियन व्यक्ति को विधानसभा में सदस्य मनोनीत करेगी। न्यायालय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को सभी विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने बहुमत के लिए जरूरी विधायकों के न होने के बावजूद किसी एकल बड़ी पार्टी को राज्यपाल द्वारा आमंत्रित किये जाने के मुद्दे पर 10 सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला लिया है।
प्रोटेम(Pro-tem) स्पीकर
प्रोटेम (Pro-tem) लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर (Pro Tempore) का संक्षिप्त रूप है। इसका शाब्दिक आशय होता है-'कुछ समय के लिए।' प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गवर्नर करता है और इसकी नियुक्ति आमतौर पर तब तक के लिए होती है, जब तक विधानसभा अपना स्थायी अध्यक्ष नहीं चुन लेती। यह नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ-ग्रहण कराता है और यह पूरा कार्यक्रम इसी की देखरेख में होता है। सदन में जब तक विधायक शपथ नहीं लेते, तब तक उनको सदन का हिस्सा नहीं माना जाता। इसलिए सबसे पहले विधायकों को शपथ दिलाई जाती है। जब विधायकों की शपथ हो जाती है तो उसके बाद ये लोग विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। परंपरा के मुताबिक सदन में सबसे वरिष्ठ सदस्य को गवर्नर, प्रोटेम स्पीकर के लिए चुनते हैं।