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बेंगलुरु: बेंगलुरु में कांग्रेस के विधायकों को भाजपा के कथित खरीद फरोख्त प्रयासों से बचाने के लिए जिस रिसॉर्ट में रखा गया है उसके आसपास की सुरक्षा हटा ली गई है। बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद सरकार ने रामनगर जिले के पुलिस अधीक्षक टी रमेश का स्थानांतरण कर दिया। इसी जिले में ईगलटन रिसॉर्ट स्थित है, जहां विधायकों को ठहराया गया है। चिकमंगलुरू जिले के पुलिस अधीक्षक के अन्नामलाई को रामनगर जिले का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि रिसॉर्ट के आसपास की सुरक्षा हटा ली गई है। उन्होंने रिसॉर्ट में संवाददाताओं से कहा, हमें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है। शिवकुमार ने येदियुरप्पा सरकार की ओर से नौकरशाही में किए गए परिवर्तन की आलोचना की और कहा कि यह सत्ता की भूख दिखाता है। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार अधिक समय नहीं चलेगी।

किसी और राज्य में भेजे जा सकते हैं विधायक

ऐसा माना जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस को अपने विधायकों की चिंता सता रही है। इसलिए दोनों दल अपने विधायकों को किसी और राज्य में भेजने की योजना पर काम कर रहे हैं। विधायकों को किसी ऐसे राज्य में भेजा जा सकता है जहां भाजपा की सरकार न हो। इस मामले में केरल पर विचार किया जा रहा है। वहां वाम दल की सरकार है। वहीं केरल में कई बड़े रिजार्ट हैं जहां एक साथ विधायकों को रखा जा सकता है।

आंध्र और तेलंगाना का विकल्प

खबर है कि तेलंगाना की टीआरएस सरकार और आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने अपने अपने राज्यों में विधायकों को शरण देने की पेशकश की है। इन दोनों नेताओं ने फोन पर एचडी देवेगौड़ा से इस संदर्भ में बातचीत की है। कहा जा रहा है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जेडीएस के विधायकों को विशाखापट्टनम, जबकि तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने उन्हें हैदराबाद में शरण देने का ऑफर दिया है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई कि कांग्रेस सभी विधायकों को कोच्चि भेजना चाहती थी इसके लिए तीन चार्टर्ड विमानों की मांग की गई थी। पर एटीसी ने उड़ान के लिए अनुमति नहीं दी।

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