ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बगैर मास्क के पकड़े जा रहे लोगों को कोरोना मरीजों के सुविधा केन्द्रों में सामुदायिक सेवा के लिए भेजने के गुजरात हाई कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार को रोक लगा दी है। कोर्ट ने मास्क लगाने और सामाजिक दूरी संबंधी दिशानिर्देशों के सख्ती से क्रियान्वयन को लेकर केंद्र और पक्षकारों से सुझाव देने को कहा। कोर्ट ने कहा है कि मास्क लगाने और सामाजिक दूरी के नियम संबंधी कोविड-19 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन होने पर हम चिंतित हैं।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि राज्य को अनिवार्य रूप से मास्क पहनने के लिए केंद्र द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को सख्ती से लागू करना चाहिए और कोविड 19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए। पीठ ने कहा कि जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, वे अन्य नागरिकों के मौलिक अधिकारों (जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार) का उल्लंघन कर रहे हैं।

अहमदाबाद: गुजरात के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता कांति गामित को बुधवार को कोरोना वायरस की गाइडलाइंस का पालन नहीं करने के चलते गिरफ्तार कर लिया गया। एक दिन पहले कांति की पोती की सगाई का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कोरोना वायरस की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाते हुए 6 हजार लोग कार्यक्रम में दिखाई दे रहे थे। 

भाजपा नेता की गिरफ्तारी गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद हुई है, जोकि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़ी हुई थी। इस दौरान, कोर्ट ने आश्चर्स जताते हुए नाराजगी जताई थी कि पूर्व विधायक दो हजार लोगों तक को आमंत्रित कर सकता है और प्रशासन आंखें बंद किए रहता है।

गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा के एक नेता के खिलाफ यह पहली ऐसी सख्त कार्रवाई है, जो हाईकोर्ट द्वारा कड़ी फटकार के बाद की गई है। इससे पहले भी हाल के विधानसभा उपचुनावों में भाजपा और कांग्रेस द्वारा राजनीतिक रैलियों के मद्देनजर, अदालत ने कहा था कि राज्य में नेताओं को लोगों को सही संदेश भेजने के लिए जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।

अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री कांति गामित की पोती की हाल ही में गुजरात के तापी जिले के दोसवाड़ा गांव में सगाई हुई थी। इस कार्यक्रम का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सैकड़ों लोग नाचते दिखाई दे रहे थे। कोरोना संक्रमण के इस काल में जहां विवाह कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित की जा रही है, इस कार्यक्रम में उस नियम का उल्लंघन तो हुआ ही, सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की भी धज्जियां उड़ गईं। यह वीडियो 30 नवंबर को वायरल हुआ था।  हालांकि, अब पुलिस ने कहा है कि उन्होंने आयोजकों के खिलाफ कोविड-19 के नियमों का पालन न करने के लिए कार्रवाई की है।  

वहीं इस मामले पर तापी जिला की एसपी सुजाता मजूमदार ने कहा कि वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि करने के बाद, हमने मामला दर्ज कर लिया है। इस समय जांच जारी है और हम पंजीकृत अपराध के तहत उचित कार्रवाई करेंगे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा नेता की पोती की सगाई में छह हजार लोग शामिल हुए थे।

नई दिल्ली: गुजरात के राजकोट जिले में कोरोना अस्पताल में आग लगने की घटना सामने आई है। राजकोट के कोविड अस्पताल के आईसीयू में गुरुवार देर रात आग लगने से पांच मरीज़ों की मौत होने की खबर आ रही है। रिपोर्टों में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती 30 अन्य कोरोना वायरस मरीज़ों को बचा लिया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि, इससे पहले अहमदाबाद के एक कोविड अस्पताल में आग की घटना सामने आई थी।

राजकोट के मवडी इलाके में उदय शिवानंद अस्पताल में रात करीब एक बजे आग लग गई है। आग के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।मीडिया रिर्पोटस में फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी के हवाले से कहा, "आग लगने की सूचना मिलने के बाद हम घटनास्थल पर पहुंचे और 30 मरीज़ों को बचाया गया है। तीन मरीज़ों की आईसीयू के अंदर मौत हो गई है।" उन्होंने कहा कि बचाए गए मरीज़ों को दूसरे कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख