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नई दिल्ली: गुजरात के कच्छ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फाउंडेशन स्टोर लेइंग सेरेमनी के दौरान किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन पर विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ''किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए।''

पीएम मोदी ने कहा, ''कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी। अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए। आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं। वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे। जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है।''

अहमदाबाद: गुजरात के एक दर्जन से अधिक अस्पतालों के इंटर्न डॉक्टरों ने वजीफा में वृद्धि और कोविड-19 ड्यूटी पर तैनाती के दौरान 1000 रुपये दैनिक भत्ते के रूप में देने की मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चिकालीन विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की।

अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए सैंकड़ों इंटर्न डॉक्टर अपने-अपने अस्पताल के बाहर धरना पर बैठे । उन्होंने सरकार से वर्तमान वजीफा राशि 12,800 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने तथा कोविड-वार्ड/विभाग में ड्यूटी के दौरान 1000 रुपये का दैनिक भत्ता देने की मांग की। धरना पर बैठे इंटर्न डॉक्टरों ने दावा किया कि वर्तमान में वजीफा के रूप में दी जा रही राशि अन्य राज्यों की तुलना में कम है।

उनमें से एक ने कहा कि प्रदर्शनकारी इंटर्न डॉक्टर अप्रैल से अपने बकाये के भुगतान, उनकी सेवा से संबंधित बांड शर्तों में ढील भी चाहते हैं। उनका कहना था कि जबतक सरकार उनकी मांग लिखित रूप से स्वीकार नहीं कर लेती, तबतक वे कोविड-19, आपात और गैर आपात ड्यूटी नहीं करेंगे।

अहमदाबाद: किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आठ दिसंबर को भारत बंद करने का एलान किया है। इस पर गुजरात में 23 किसानों के समूहों ने गुजरात खेडुत संघर्ष समिति नाम से एक संगठन बनाकर आंदोलन संमर्थन किया है। इसको लेकर सोमवार को सीएम विजय रुपाणी ने कहा कि किसानों की तरफ से किए गए भारत बंद के एलान को गुजरात सपोर्ट नहीं करता है। अगर ऐसे में किसी ने जबरदस्ती दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को बंद कराने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी।

यह किसान आंदोलन नहीं रहा

सीएम रुपाणी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर बनाए गए किसान कानूनों का जो विरोध चल रहा है, वह किसान आंदोलन नहीं रहा,वह राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, क्योंकि कल होने वाले भारत बंद कार्यक्रम में जितने भी बड़े राजनीतिक दल हैं, वो सभी कूद पड़े हैं।

गांधीनगर: कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए गुजरात डीजीपी का एक आदेश अब शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के लिए मजे का सबब बन गया है। दरअसल, डीजीपी ने पुलिसकर्मियों को आदेश दिया है कि वह नशा किए हुए लोगों का मुंह नहीं सूंघे। ये फैसला इसलिए किया गया है, ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव हो सके। 

गुजरात में शराब पर प्रतिबंध लागू है और ऐसे में राज्य में शराब और अन्य नशा किए हुए लोगों की पहचान के लिए जांच के दौरान पुलिसकर्मी मुंह सूंघ कर आरोपी की पहचान करने का तरीका अपनाते हैं। पुलिस महानिरीक्षक नरसिम्हा कोमार (विधि और व्यवस्था) ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। 

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