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अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, और राज्य में जहां एक ओर सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर जीत की कोशिश में जुटी है। वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) भी ज़ोर-शोर से उन्हें हरा देने के दावे कर रही है। गुजरात में दो चरणों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों के ज़्यादातर उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है। लेकिन इसी दौरान भाजपा के एक प्रत्याशी को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

नरोदा सीट से भाजपा ने डॉ पायल कुकरानी को प्रत्याशी बनाया है, जो गुजरात दंगों से जुडे नरोदा पाटिया हत्याकांड में दोषी करार दिए जा चुके मनोज कुकरानी की पुत्री हैं। मनोज कुकरानी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी, हालांकि हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपीलों के बाद फिलहाल वह वर्ष 2015 से ज़मानत पर बाहर हैं। नरोदा हत्याकांड में वर्ष 2012 में जिन 32 लोगों को दोषी करार देकर सज़ा सुनाई गई थी, उनमें मनोज कुकरानी भी शामिल थे। इन सभी दोषियों पर 97 लोगों की हत्या का आरोप साबित हुआ था। कुकरानी के पड़ोसी बताते हैं कि सज़ा सुनाए जाने के बाद भी वह अक्सर बाहर आते रहे हैं।

अहमदाबाद: गुजरात के वाघोड़िया क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर पिछली बार जीतने वाले और छह बार के विधायक, मधुभाई श्रीवास्तव को इस बार बीजेपी की तरफ से टिकट नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जिस पर उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी में शामिल होने का अफसोस है। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी टिकट के बारे में "कुछ नहीं कर सकते" क्योंकि "सब कुछ दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व द्वारा तय किया जाता है।"

श्रीवास्तव, एक स्थानीय "बाहुबली" या मजबूत-राजनेता के तौर पर पहचाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में भूपेंद्र पटेल से बात नहीं की है। "मैं ऐसा क्यों करूंगा? मेरा पीएम मोदी और शाह से सीधा संबंध है।” लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद भी उन्होंने उनसे बात नहीं की। सूत्रों ने कहा कि श्रीवास्तव उन छह विद्रोहियों में से एक थे, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में राज्य के मंत्री हर्ष सांघवी से मिलने से इंकार कर दिया था। श्रीवास्तव 1995 में निर्दलीय के रूप में जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। वह और उनके परिवार के सदस्य कांग्रेस, जनता दल और अन्य संगठनों के साथ भी रहे हैं।

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अब गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल होंगे। राहुल गांधी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से विराम लेकर गुजरात में पार्टी का प्रचार करेंगे। कांग्रेस नेता विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार के लिए 22 नवंबर को गुजरात जाएंगे। भारत जोड़ो यात्रा में व्‍यस्‍त राहुल गांधी के गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से दूरी बनाने पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे थे। हिमाचल प्रदेश में वोटिंग हो चुकी है। अब राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के लिए गुजरात जाने का फैसला किया है।

राहुल गांधी पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में जोर-शोर से जुटे थे। हालांकि इस बार राहुल गांधी गुजरात चुनाव से लगभग नदारद रहे हैं। इसे लेकर पार्टी से लगातार सवाल पूछे जा रहे थे। वहीं आम आदमी पार्टी बीजेपी के साथ ही कांग्रेस को भी चुनौती दे रही है। गुजरात में आप की बढ़ती ताकत को कांग्रेस के विकल्‍प के रूप में देखा जा रहा था। यही कारण है कि राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के बीच गुजरात का रुख करना पड़ा है।

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी खंभालिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, "किसान , बेरोज़गार युवाओं ,महिलाओं ,व्यापारी के लिए सालों तक आवाज़ उठाने वाले इसुदान गढ़वी जाम खम्भालिया से चुनाव लड़ेंगे। भगवान कृष्ण की पावन भूमि से गुजरात को एक नया और अच्छा मुख्यमंत्री मिलेगा।"

इसुदान गढ़वी का जन्म 10 जनवरी, 1982 को जामनगर जिले के पिपलिया गांव में एक साधारण से परिवार में हुआ है। उनके पिता खेराजभाई किसान हैं और पूरा परिवार भी खेती से जुड़ा हुआ है। ये अन्य पिछड़ी जातियों से ताल्लुक रखते हैं, जो राज्य की आबादी का 48 फीसदी हिस्सा हैं। इसुदान गढ़वी पूर्व पत्रकार भी हैं और गुजरात के लोकप्रिय टीवी एंकर रहे हैं। उन्होंने जून, 2021 में आप की सदस्यता ली थी। इसुदान गढ़वी फिलहाल आप के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।

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