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अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मुकेश दलाल को समन जारी किया। अदालत ने ये समन लोकसभा चुनाव में उनकी निर्विरोध जीत को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर दिया है। याचिकाकर्ताओं के वकील पी.एस. चंपानेरी ने रविवार को बताया कि मामला 25 जुलाई को सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति जे.सी. दोशी की अदालत के सामने आया। अदालत ने दलाल को समन जारी कर 9 अगस्त तक जवाब देने को कहा।

कांग्रेस के नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज होने और अन्य उम्मीदवारों के दौड़ से हटने के बाद 22 अप्रैल को दलाल को विजेता घोषित किया गया था। 22 अप्रैल को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी। गुजरा की शेष 25 लोकसभा सीटों पर आम चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को मतदान हुआ था। भाजपा ने सूरत सहित राज्य में 25 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को एक सीट मिली।

याचिकाकर्ताओं ने कुंभानी के नामांकन को खारिज करने के सूरत कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी के फैसले की वैधता को चुनौती है।

सूरत संसदीय क्षेत्र के चार मतदाताओं की ओर से दायर दो याचिकाओं में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 36 के प्रावधानों के तहत कुंभानी के फॉर्म को खारिज करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले पर सवाल उठाया गया है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि कुंभानी के तीन प्रस्तावकों ने बाद में उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के सामने एक आवेदन में घोषणा की थी कि वे उनके नामांकन फॉर्म पर प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर करेंगे।

याचिकाकर्ताओं ने आगे कहा, उन्होंने प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय ऐसा किया था, जिसमें उन्हें उसी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता घोषित किया गया था, जो प्रस्तावकों के लिए एक पूर्व शर्त थी। इसके अलावा, हस्ताक्षर का सत्यापन कलेक्टर का काम नहीं है। उन्होंने इस बात जोर दिया कि एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस पार्टी के पास किसी निर्वाचन क्षेत्र में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रस्तावकों की कोई कमी नहीं है।

दलाल पिछले 12 वर्षों में लोकसभा चुनाव में निर्विरोध जीतने वाले पहले उम्मीदवार बने। हाल ही में संपन्न आम चुनावों के परिणाम चार जून को घोषित किए गए थे। जिला कलेक्टर एवं निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने नामांकन पत्र वापसी के अंतिम दिन 22 अप्रैल को अंतिम घंटे में दलाल को निर्विरोध विजेता का प्रमाण पत्र सौंपा था।

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