नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने शुक्रवार (16 जून) को कहा कि गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के आने के बाद किसी की जान नहीं गई है। हालांकि 23 लोग विभिन्न घटनाओं में घायल हुए हैं और राज्य के कम से कम एक हजार गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
चक्रवाती तूफान "बिपरजॉय" के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है। एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवाती तूफान के जखौ बंदरगाह के निकट पहुंचने की प्रक्रिया गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई और देर रात तक चली। इस दौरान कच्छ जिले में भारी बारिश हुई।
करवाल ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि दुर्भाग्य से तूफान के गुजरात पहुंचने के पहले दो लोगों की मौत हो गई, लेकिन तूफान के पहुंचने के बाद कोई जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि गुजरात प्रशासन तथा अन्य एजेंसियों ने जानमाल का कम से कम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए मिल कर काम किया था। यह उसी का यह नतीजा है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि तूफान से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 23 लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि राज्य के कम से कम एक हजार गांव बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। इनमें 40 प्रतिशत बिजली संकट अकेले कच्छ जिले में है।
करवाल ने कहा कि 500 कच्ची अथवा फूस की झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं, कुछ पक्के मकानों को भी नुकसान पहुंचा है और 800 पेड़ उखड़ गए हैं। हमारी और राज्य आपदा मोचन बल की टीम हालात को सामान्य बनाने और प्रभावितों की मदद के लिए काम कर रही हैं। राज्य में अधिकतर सड़क मार्ग साफ है और सेलफोन नेटवर्क "अब भी काम" कर रहे हैं।
चक्रवात से निपटने के लिए टीम है तैयार
गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद चक्रवात की तीव्रता कम होकर "बेहद गंभीर" से "गंभीर" श्रेणी में आ गई। चक्रवात उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने के साथ कमजोर पड़ गया है। शाम तक यह दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। चक्रवात अब दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। एनडीआरएफ ने राज्य सरकार से विचार विमर्श करके एक टीम जलोर में पहले ही तैनात कर दी है क्योंकि भारी बारिश से बाढ़ आने और लोगों के फंसने का खतरा है। बचाव कार्य के लिए गुजरात में एनडीआरएफ की 18 टीम पेड़ काटने वाली मशीनों और नौकाओं के साथ तैनात हैं। उन्होंने कहा कि चक्रवात से पैदा किसी भी हालात से निपटने के लिए महाराष्ट्र में पांच तथा कर्नाटक में चार टीम तैनात हैं।