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रांची: भीमा कोरेगांव हिंसा केस में बुधवार सुबह महाराष्ट्र की पुणे व एटीएस पुलिस की टीम ने मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के घर और कार्यालय में छापेमारी की। सुबह सात बजे एसीबी डॉ शिवाजी पवार के नेतृत्व में आठ सदस्यीय महाराष्ट्र पुलिस की टीम स्टेन स्वामी के नामकुम बगईचा स्थित घर पहुंची। साढ़े तीन घंटे तक पुलिस की टीम ने स्टेन स्वामी से पूछताछ की। घर और कार्यालय में तीन घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान पांच जीबी की हार्डडिस्क, बंदी रिहाई संबंधी बुकलेट, कई दस्तावेज, जियो कंपनी का मॉडम और राउटर महाराष्ट्र पुलिस की टीम ने जब्त किया है।

महाराष्ट्र पुलिस ने छापेमारी व पूछताछ की वीडियोग्राफी भी करायी है। महाराष्ट्र पुलिस की टीम के साथ साइबर एक्सपर्ट संदीप गादिया भी थे। महाराष्ट्र पुलिस की टीम नामकुम थानेदार प्रवीण कुमार झा और मुखिया अनिता तिर्की को साथ लेकर फादर स्टेन के यहां आयी थी।

 

फेसबुक व जी- मेल का पासवर्ड बदला

महाराष्ट्र पुलिस के साइबर एक्सपर्ट ने फादर स्टेन के फेसबुक और जी मेल एकाउंट का पासवर्ड लेकर उन्हें बदल दिया। पुलिस टीम फेसबुक व जीमेल के सारे मैसेज को खंगालेगी। गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र पुलिस की टीम ने 28 अगस्त 2018 को भी फादर स्टेन स्वामी से पूछताछ की थी।

बुधवार को छापेमारी के बाद झारखंड जनाधिकार महासभा ने फादर स्टेन स्वामी के घर पर छापेमारी व इस मामले में दूसरे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की है। महासभा ने कहा है कि फादर स्टेन स्वामी काफी बुजुर्ग हैं तथा झारखंड में पिछले 40 सालों से आदिवासी, दलित, शोषित और वंचित समूहों के लिए काम कर रहे हैं। फादर वन अधिकार अधिनियम, पेसा के भी समर्थक रहे हैं।

कौन कौन है जेल में

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने छह जून 2018 को सुरेंद्र गाडलिंग, सुधीर धावले, महेश राउत, शोमा सेन और रोना विल्सन को गिरफ्तार किया था। ये सभी पुणे की यरवदा जेल में बंद हैं। 28 अगस्त 2018 को पुलिस ने पांच अन्य कार्यकर्ताओं सुधा भारद्वाज, अरूण फरेरा, वेर्नन गॉन्जाल्विस, बरबरा राव और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र पुलिस ने खुलासा किया था कि भीमा कोरेगांव हिंसा माओवादी साजिश का हिस्सा है।

भीमा कोरेगांव हिंसा से कोई ताल्लुक नहीं, सरकार फंसा रही है

फादर स्टेन स्वामी ने छापेमारी के बाद कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ वह आवाज उठाते रहे हैं। ऐसे में सरकार उन्हें बेवजह फंसा रही है। फादर स्टेन स्वामी ने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में उनकी या दूसरे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा केस की जांच में वह पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं।

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