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जमशेदपुर: जमशेदपुर के एक मलयाली संगठन ने केरल में विनाशकारी बाढ़ को देखते हुये इस साल ओणम समारोह नहीं मनाने का फैसला किया है। केरल में बाढ़ के कारण 400 से अधिक लोग मारे गये हैं और सात लाख से अधिक लोग बेघर हो गये हैं। कृषि से जुड़ा यह वार्षिक त्योहार 15 अगस्त को शुरू हुआ था और यह 27 अगस्त को समाप्त होगा। संगठन के महासचिव सुनील कुमार ने बताया कि 3000 सदस्य वाला ‘केरल समाजम’ संगठन हर साल भव्य तरीके से ओणम का आयोजन करती है लेकिन इस कोई भी उत्सव के मूड में नहीं है।

उन्होंने को बताया कि इस संगठन के सदस्यों ने झारखंड में पूर्वी सिंहभूमि जिले में स्थित जमशेदपुर शहर में और आसपास बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए धन और राहत सामग्री एकत्र करने के लिए एक सप्ताह का अभियान शुरू किया है। कुमार ने बताया, ओणम समुदाय का एक भव्य त्योहार है। हम इस अवधि के दौरान ‘रंगोली’ प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। हालांकि, इस साल हमने वार्षिक त्योहार मनाने का फैसला नहीं किया है क्योंकि केरल में हमारे भाई और बहन अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सदी में पहली बार इस साल केरल सबसे भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है और यहां 200 से अधिक लोग मारे गये हैं। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने शनिवार को कहा था कि बाढ़ के कारण केरल को 19,512 करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पड़ा है।

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