चेन्नई: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल से इतर आरक्षण नीति को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सामाजिक न्याय सम्मेलन में मंगलवार (19 सितंबर) को सीएम स्टालिन ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार आरक्षण नीति को ठीक से लागू नहीं कर रही है। उन्होंने मांग की कि राज्यों को आरक्षण का अनुपात तय करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
'आरक्षण को 50 फीसदी तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए'
सीएम स्टालिन ने जोर दिया कि रोजगार और शिक्षा में आरक्षण को 50 फीसदी तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु में अधिकतम 69 फीसदी आरक्षण था और इसे 50 प्रतिशत तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि योग्य वर्गों की आबादी के आधार पर राज्यों को आरक्षण की मात्रा तय करने की अनुमति दी जानी चाहिए। सीएम स्टालिन ने वर्चुअल माध्यम से नई दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
अप्रैल में हुई थी इस संगठन की पहली बैठक
बता दें कि डीएमके ने ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस की पहली बैठक इसी साल 3 अप्रैल को हाईब्रिड मोड आयोजित की थी। उस दौरान सीएम स्टालिन ने कर्नाटक में मुस्लिमों के आरक्षण को खत्म करने के लिए बीजेपी की आलोचना की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने राज्य के होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऐसा फैसला किया।
पहली बैठक में कई विपक्षी नेताओं ने हिस्सा लिया था, जिनमें अशोक गहलोत, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी और फारूक अब्दुल्ला आदि नेता शामिल थे।