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कृष्णागिरि (तमिलनाडु)/बेंगलुरु: अन्नाद्रमुक से निष्कासित की गईं नेता वी के शशिकला आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की जेल की सजा काटने के कुछ दिन बाद सोमवार को तमिलनाडु लौटीं जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की बेहद करीबी रहीं शशिकला सुबह करीब दस बजे कर्नाटक से सटे तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले के अथिपल्ली पहुंचीं। यहां शशिकला के समर्थकों ने उनके काफिले पर फूल बरसाए और जश्न मनाया। तमिलनाडु में उनकी वापसी इस मायने में महत्वपूर्ण है कि अगले कुछ महीनों में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं।

इससे पहले वह, बेंगलुरु के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक रिसॉर्ट से रवाना हुई थी और उनके साथ उनके भतीजे एवं अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) के महासचिव टीटीवी दिनाकरण भी थे। समर्थनों के नारों के बीच वह करीब 200 वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुईं। उन्होंने मास्क पहन रखा था और निकलने से पहले उन्होंने जयललिता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए।

 

उन्होंने जयललिता के पसंदीदा हरे रंग की साड़ी पहन रखी थी और उनकी कार पर अन्नाद्रमुक का झंडा लगा था। हालांकि अन्नाद्रमुक ने हाल में तमिलनाडु पुलिस से पार्टी के गैर-सदस्यों द्वारा उसके झंडे के इस्तेमाल को रोकने की गुहार लगाई थी।

दरअसल 31 जनवरी को बेंगलुरु के एक अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद शशिकला जिस वाहन में सवार हुई थीं उस पर भी अन्नाद्रमुक का झंडा लगा था। कोविड-19 से पीड़ित शशिकला को यहां भर्ती करवाया गया था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें बेंगलुरु से करीब 35 किमी दूर रिसॉर्ट में ठहराया गया था।

दिनाकरण ने झंडे के इस्तेमाल के बचाव में कहा कि वह (शशिकला) अब भी अन्नाद्रमुक की महासचिव हैं क्योंकि उनके निष्कासन को लेकर अदालत में कई याचिकाएं लंबित हैं। फरवरी 2017 से जेल में सजा काट रहीं शशिकला इस वर्ष 27 जनवरी को रिहा हो गई थीं।

 

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