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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन एबीवीपी ने दावा किया कि नौ फरवरी को जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भूख या जेएनयू में हस्तक्षेप से आजादी के नारे कभी नहीं लगाये थे। एबीवीपी ने जमानत के बाद कन्हैया कुमार के भाषण को केवल बयानबाजी और दिखावा करार दिया। एबीवीपी ने कहा, हम संवैधानिक मशीनरी और भारतीय संविधान पर इस नये विश्वास का स्वागत करते हैं। बयानबाजी लंबे समय तक सत्य को छिपा नहीं सकती। नौ फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर में भूख से आजादी अथवा विश्वविद्यालय को हस्तक्षेप से आजादी जैसे नारे कभी नहीं लगाये गये। जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा ने कहा, यह पूरे मामले को कमजोर करने की साजिश है, ताकि मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके। लेकिन इस छोटे से हलचल के बाद भी वाम दल सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, निवेदिता मेनन ने अपने लेक्चर में कहा था कि भारत ने अवैध रूप से कश्मीर पर कब्जा किया है।

एबीवीपी ने एक बयान जारी करके कहा, हम इस तरह के बयानों के लिए जेएनयूएसयू के खिलाफ प्रस्ताव लाने और डीएसयू और मेनन से माफी मांगने की मांग करते हैं। हम इसके पक्ष में मतदान करने का वादा करते हैं।

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