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नई दिल्ली: जेएनयू विवाद को सही तरीके से प्रशासन के हैंडल न करने के कारण चीफ प्रॉक्टर कृष्ण कुमार ने 29 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। स्कूल ऑफ इन्वाइरन्मेंटल साइंसेज के ए पी दिमरी ने एक मार्च को उनका स्थान लिया है। सूत्रों के अनुसार, 9 फरवरी को जेएनयू परिसर में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी के मामले की जांच के लिए 11 फरवरी को एक समिति का गठन किया गया था। लेकिन उसके चार घंटे बाद ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया। उस समिति में प्रोफेसर राकेश भटनागर, एच बी बोहिदर और सुमन के धर शामिल थे। कृष्ण कुमार से आठ स्टूडेंट्स- कन्हैया कुमार, अनिर्बन भट्टाचार्य, श्वेता राज, उमर खालिद, अनंत प्रकाश, रामा नागा, ऐश्वर्या अधिकारी और आशुतोष कुमार को सस्पेंड करने के लिए पत्र पर हस्ताक्षर कराए गए।

इससे आहत कृष्ण कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि इस मामले में उनका रबर स्टैंप की तरह इस्तेमाल हुआ।

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