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चंडीगढ़: क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में एक नया ‘गैर राजनीतिक’ मंच बनाये जाने की घोषणा के कुछ दिनों के बाद आज औपचारिक रूप से भाजपा से इस्तीफा दे दिया। 18 जुलाई को राज्यसभा से इस्तीफा देने वाले सिद्धू ने भाजपा छोड़ने का अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख अमित शाह को भेज दिया। सिद्धू ने अपने पत्र में कहा है, ‘मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। (भाजपा के साथ) लंबे समय का साथ, दुखदायी निर्णय, मेरी पत्नी, बच्चे और पार्टी नहीं, अकेले पंजाब (आता है) पहले है। पंजाब, पंजाबियत और हरेक पंजाबी को जीतना होगा।’ हालांकि, सिद्धू की पत्नी और अमृतसर (पूर्व) से भाजपा विधायक ने अभी तक पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। उनके एक करीबी सहयोगी ने बताया, ‘डॉक्टर नवजोत कौर ने अभी तक भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है।’ सिद्धू के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगती रही हैं। शुरुआत में, उनके आप में शामिल होने की बात हो रही थी और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इसके चेहरा बनने की चर्चा हो रही थी। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उनके तीखे हमले से इसकी संभावना समाप्त हो गयी है। इस महीने की शुरुआत में ‘आवाज-ए-पंजाब’ फोरम गठित करने के बावजूद उन्होंने भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया था। 52 वर्षीय क्रिकेट खिलाड़ी ने 2004 से लेकर 2014 तक लोकसभा में अमृतसर का प्रतिनिधित्व किया।

भाजपा ने 2014 के संसदीय चुनाव में उन्हें अमृतसर से नहीं उतारने का निर्णय लिया। पार्टी ने अभी केन्द्र में मंत्री अरुण जेटली को वहां से मैदान में उतारा था लेकिन वह अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गये।

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