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नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को निधन हो गया। वह 95 साल के थे और बीते लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मिल रही जानकारी के अनुसार शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता को बीते कई दिनों से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सांस की दिक्कत की वजह से ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रकाश सिंह बादल ने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे आखिरी सांसे ली।

बता दें कि अकाली दल के वरिष्ठ नेता पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे थे। वे 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे। उन्होंने 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीते। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। सुखबीर सिंह बादल उनके बेटे हैं। प्रकाश सिंह बादल का जन्म दिसंबर 1927 में पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज राजनेताओं ने बादल के निधन पर दुख जताया।

पीएम मोदी ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे। वे एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रकाश सिंह बादल के निधन पर दुख जताया। राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि प्रकाश सिंह बादल एक राजनीतिक दिग्गज थे, जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन में उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय काम किए। बादल साहब माटी के लाल थे, जो जीवन भर अपनी जड़ों से जुड़े रहे। मुझे कई मुद्दों पर उनके साथ अपनी बातचीत याद है। उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनके शोक संतप्त परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।

 

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