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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी की राष्ट्रीय फलक पर छाने की बेचैनी एक बार फिर से सामने आई है। इस बार उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने के लिए 15 जून को दिल्ली में बैठक बुलाने की बात कही है। बैठक को लेकर ममता बनर्जी ने शनिवार को करीब 22 विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र भी लिखा है। बता दें कि साल 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद से ही लगातार ममता राष्ट्रीय राजनीति में जगह बनाने की कवायद में लगी हुई हैं। अब देखना यह है कि क्या साल 2022 में 22 विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात से उनकी बात बनती है या नहीं।

टीएमसी सुप्रीमो ने कथित तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम और वाम नेता पिनाराई विजयन, ओडिशा के सीएम और बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत 22 नेताओं को चिट्ठी भी लिखी है।

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बैठक की मांग

कहा यह भी जा रहा है कि ममता बनर्जी ने तेलंगाना में अपने समकक्षों के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु में एमके स्टालिन, झारखंड में हेमंत सोरेने और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी संपर्क किया है। बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने एक बयान में कहा, 'हमारी माननीय अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सभी प्रगतिशील विपक्षी ताकतों से राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर 15 जून को दोपहर तीन बजे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में बैठक करने और भविष्य के कदमों पर विचार करने का आह्वान किया है।'

ममता ने गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से किया संपर्क

टीएमसी के बयान में कहा गया, 'आगामी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ मजबूत और प्रभावी विपक्ष की पहल के साथ एक संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं से संपर्क किया है।'

18 जुलाई को होगा मतदान

निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को घोषणा की कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा जबकि वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। इस चुनाव में निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य सांसद और विधायक शामिल हैं, जो कि रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे।

दीदी ने इन नेताओं को लिखा पत्र

1. अरविंद केजरीवाल (मुख्यमंत्री, दिल्ली)
2. पिनाराई विजयन (मुख्यमंत्री, केरल)
3. नवीन पटनायक (मुख्यमंत्री, ओडिशा)
4. कलवकुंतला चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री, तेलंगाना)
5. थिरु एमके स्टालिन (मुख्यमंत्री, तमिलनाडु)
6. उद्धव ठाकरे (मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र)
7. हेमंत सोरेन (मुख्यमंत्री, झारखंड)
8. भगवंत सिंह मान (मुख्यमंत्री, पंजाब)
9. सोनिया गांधी (अध्यक्ष, कांग्रेस)
10. लालू प्रसाद यादव (अध्यक्ष, राजद)
11. डी. राजा (महासचिव, भाकपा)
12. सीताराम येचुरी (महासचिव, सीपीआईएम)
13. अखिलेश यादव (अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी)
14. शरद पवार (अध्यक्ष, राकांपा)
15. जयंत चौधरी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोद)
16. एच. डी. कुमारस्वामी (कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री)
17. एच डी देवेगौड़ा (सांसद, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री)
18. फारूक अब्दुल्ला (अध्यक्ष, जेकेएनसी)
19. महबूबा मुफ्ती (अध्यक्ष, पीडीपी)
20. एस सुखबीर सिंह बादल (अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल)
21. पवन चामलिंग (अध्यक्ष, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट)
22. के एम कादर मोहिदीन (अध्यक्ष, आईयूएमएल)

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