कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 'असोल पारिबोर्तोन' (असली परिवर्तन) के लिए भाजपा की सरकार बनाने पर जोर देते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तृणमूल कांग्रेस के मुख्य चुनावी मुद्दे ‘बंगाली अस्मिता’ की खामियों को उजागर करने का आह्वान किया। नड्डा ने राज्य के लोगों से पूछा कि वे विकास चाहते हैं या 'कट मनी संस्कृति'। नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बनर्जी ने बंगाल की महिलाओं के बारे में कुछ नहीं सोचा, उनकी सुरक्षा के बारे में कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस को 'आराम' करने के लिए भेज दिया जाना चाहिए और भाजपा को 'काम' देना चाहिए।
बंगाल को कटमनी, टोलाबाजी के लिए टीके की आवश्यकता : नड्डा
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता को 'कटमनी' और 'टोलाबाजी' (वसूली) से मुकाबले के लिए टीके की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को 'आराम' करने के लिए भेजना होगा और भाजपा को सरकार चलाने का काम देना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में परिवर्तन यात्रा रैली के संपन्न होने पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए नड्डा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री 'वास्तविक बंगाली संस्कृति' का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं और यदि भाजपा सत्ता में आई तो इसे बहाल करेगी।
'बुआ-भतीजे' की सरकार की विदाई का समय आ गया
उन्होंने कहा कि कल ममता जी ने कहा था कि वह विधानसभा चुनाव से पहले कोविड-19 टीके की खरीद के वास्ते प्रधानमंत्री की सहायता चाहती हैं ताकि राज्य की जनता के लिए इसे निशुल्क उपलब्ध कराया जा सके। केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि 60 वर्ष से ऊपर की आयु वाले लोगों को टीका निशुल्क लगाया जाएगा।
साथ ही 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के ऐसे लोगों को भी निशुल्क टीका लगेगा जोकि पहले ही अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि, बंगाल को कटमनी और टोलाबाजी के खिलाफ भी टीके की जरूरत है और सत्ता में आने के बाद भाजपा इसका प्रबंध करेगी। उन्होंने कहा कि अब राज्य से 'बुआ-भतीजे' की सरकार की विदाई का समय आ गया है।
तृणमूल कांग्रेस के चुनावी नारे में बनर्जी को 'बंगाल की बेटी' पेश करने का उल्लेख करते हुए नड्डा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने राज्य की मां और बहनों की सुरक्षा के लिए काम नहीं किया।