कोलकाता: पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीएसटी परिषद की बैठक बुलाने की अपील की। वह चाहते हैं कि इस बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के राजस्व में गिरावट की भरपायी के लिए केंद्र सरकार के कर्ज लेने के विषय में बात हो सके।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री मित्रा ने सीतारमण को 13 नवंबर को पत्र लिखा है कि परिषद की अगस्त और अक्तूबर की बैठकों में कई राज्यों ने मांग उठायी थी कि राज्यों के जीएसटी राजस्व की वसूली में कमी की क्षति पूर्ति के लिए रिजर्व बैंक की विशेष सुविधा से कर्ज केंद्र सरकार उठाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस बारे में सीतारमण को 10 अक्तूबर को पत्र लिखा था।
जीएसटी कानून के तहत केंद्र ने जीएसटी व्यवस्था के तहत पांच वर्ष तक राजस्व में 14 प्रतिशत से कम की वार्षिक वृद्धि की क्षतिपूर्ति करने का विधिवत आश्वासन दिया है। इसके लिए महंगी और अहितकर उपभोक्ता वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की दर से उप कर लगाया जाता है।
2017 में लागू हुआ था जीएसटी
जीएसटी जुलाई, 2017 में लागू किया गया था। केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था 2022 के बाद भी जारी रखने का अश्वासन दिया है। मित्रा ने कहा है कि क्षतिपूर्ति की इस व्यवस्था को आगे बढ़ाने पर परिषद में एक राय थी।
जीएसटी वसूली में इस समय अनुमानित 1.10 लाख करोड़ रुपये की कमी है। मित्रा का कहना है कि केंद रिजर्व बैंक की विशेष सुविधा के जरिए इस पूरी राशि का कर्ज ले कर राज्यों को देते इससे उसके रोजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं होगा क्यों कि जीएसटी उपकर की वसूली से उसे यह राशि मिल जाएगी।
उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि केंद्र को रिजर्व बैंक से 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर कर्ज मिल जाएगा जबकि राज्यों को 6.8 प्रतिशत पर कर्ज उठाना पड़ेगा।