कोलकाता/गुवाहाटी: पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनावों के पहले चरण में भारी मतदान दर्ज किया गया, जहां शाम पांच बजे तक दोनों राज्यों में क्रमश: 80 और 70 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारी सुरक्षा में मतदान कराया जा रहा है और दोनों राज्यों में अभी तक कहीं से हिंसा या अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं आई है। पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से 18 में 40.09 लाख मतदाताओं में से करीब 80 प्रतिशत ने मतदान किया। इनमें से अधिकतर क्षेत्रों में पहले माओवादियों का काफी प्रभाव था। राज्य में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सरकार बनाने की दिशा में मेहनत कर रही है। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिब्येंदु सरकार ने कहा, 'कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में कुछ खामियां आईं, जिन्हें तत्काल ठीक कर लिया गया और मतदान सुगम तरीके से चल रहा है। हमें कुछ अन्य शिकायतें भी मिली हैं और उन पर ध्यान दिया गया है।' राज्य की 18 सीटों में 13 जंगलमहल इलाके में हैं जहां पहले माओवादी हिंसा देखी जाती रही है।
इस चरण में प्रमुख उम्मीदवारों में आदिवासी मामलों के मंत्री सुकुमार हंसदा हैं जो झारग्राम से किस्मत आजमा रहे हैं। तृणमूल, वाम-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी ने सभी 18 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। पांच साल पहले पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने के बाद से राज्य की राजनीति पर प्रभुत्व जमाने वाली ममता बनर्जी को सीपीएम नीत वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी से चुनौती मिल रही है। बीजेपी भी इस पूर्वी राज्य में अपना आधार बनाने के लिए प्रयासरत है। वहीं असम में शाम पांच बजे तक 95.11 लाख मतदाताओं में से 70 प्रतिशत ने मतदान किया। राज्य में तरुण गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस चौथी बार सत्ता में आने के लिए जद्दोजहद कर रही है। पहले चरण में 126 में से जिन 65 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से किसी में हिंसा की कोई खबर नहीं है। ये 65 सीटें उपरी असम, पर्वतीय जिलों, उत्तरी किनारों और बराक घाटी में हैं। पहले चरण में कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री तरण गोगोई की तीताबोर से और निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष प्रणब गोगोई की शिवसागर से प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल माजुली सीट से किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं जोरहट से पार्टी के लोकसभा सदस्य कामाख्या प्रसाद तासा तीताबोर में मुख्यमंत्री गोगोई को टक्कर दे रहे हैं। बीजेपी ने कांग्रेस के रथ को रोकने और राज्य में सरकार बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल महंत की असम गण परिषद (एजीपी) और बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) से हाथ मिलाया है। असम में बांग्लादेशियों का अवैध प्रवास बड़ा चुनावी और सामाजिक मुद्दा है। धुबरी से एआईडीयूएफ के सांसद बदरद्दीन अजमल ने 65 विधानसभा क्षेत्रों में से 27 में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस पहले चरण में सभी 65 सीटों पर किस्मत आजमा रही है। बीजेपी ने 54 पर और इसकी सहयोगियों एजीपी ने 11 तथा बीपीएफ ने तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। सीपीआई और सीपीएम ने 10-10 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं तथा सीपीआई-एमएल ने छह पर उम्मीदवार उतारे हैं।