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कोलकाता: ममता बनर्जी ने कोलकाता में विपक्षी राजनीतिक दलों की महारैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा,अब भाजपा के लिए अच्छे दिन आने वाले नहीं है। चाहे जितनी अच्छी बात करले लेकिन भाजपा के अच्छे दिन नहीं आएंगे। इस रैली का उद्देश्य केंद्र की मोदी सरकार को हटाना और विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन दिखाना है। साल की शुरुआत में विपक्षी एकता का यह पहला मौका है। इस रैली में शामिल होने के लिए देश भर से दिग्गज नेता पहुंचे। जिसमें पूर्व पीएम देवेगौड़ा, तीन मुख्यमंत्री- चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी और अरविंद केजरीवाल, 6 पूर्व मुख्यमंत्री- अखिलेश यादव, फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, बाबूलाल मरांडी, मायावती (उनके प्रतिनिधि सतीश मिश्रा) और गेगांग अपांग और 5 पूर्व केंद्रीय मंत्री- शरद यादव, शरद पवार, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और राम जेठमलानी हैं। इसके अलावा भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी रैली में शिरकत की।

महारैली में ममता बनर्जी ने कहा, राजनीति में शिष्टता होती है लेकिन भाजपा इसका पालन नहीं करती है, जो भाजपा के साथ नहीं हैं उन्हें चोर बता दिया जाता है। मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट खत्म हो चुकी है।

ममता बनर्जी ने कहा, आपने अखिलेश को नहीं छोड़ा, मायावती को नहीं छोड़ा, लालू जी को नहीं छोड़ा और हमको भी नहीं छोड़ा। किसी को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने देश की सभी संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है। दंगा-फसाद लगा दो, एक ही उनका मुद्दा है। हम बंगाल में रथयात्रा के नाम दंगा फसाद नहीं करने देंगे। अब भाजपा के लिए अच्छे दिन आने वाले नहीं है। चाहे जितनी अच्छी बात करले लेकिन भाजपा के अच्छे दिन नहीं आएंगे। बंगाल में भाजपा को जीरो मिलेगा। जो पाकिस्तान पिछले 70 सालों में नहीं कर पाया, वह इस सरकार ने लोगों को आपस में बांटकर कर दिया।

ममता बनर्जी ने कहा, भाजपा ने अपने ही नेताओं को इज्जत नहीं दी। त्याग का नाम है हिंदू। ईमान का नाम है मुसलमान। 23 पार्टी भाजपा के खिलाफ है। हम चाहेंगे जो भाजपा के साथ नहीं है वह भी चुनाव से पहले हमारे साथ आ जाएं। रैली में ममता ने ‘बदल दो, बदल दो, दिल्ली की सरकार बदल दो’ का नारा भी दिया।

' तेजस्वी यादव ने कहा, 'मैं नरेंद्र मोदी और अमित शाह की वजह से देरी से पहुंचा। हमें एकजुट होने की जरूरत है। एक चीज समझ लीजिए यदि आप चौकीदार हैं तो लोग थानेदार हैं। हम डराने-धमकाने के तरीकों से डरने वाले नहीं है। हमें अपने देश को बचाना है। मोदी झूठ की फैक्ट्री, होलसेलर और डिस्ट्रीब्यूटर (वितरक) हैं। वह एक झूठ के साथ 10 मुफ्त में देते हैं।'

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, मैं जनहित में काम करता हूं। ज्यादतिया मत करो। अटलजी के जमाने से लोकशाही है। लोग नोटबंदी से उभर ही नहीं पाए थे जीएसटी लागू कर दिया। कांग्रेस के नए अध्यक्ष ने तीन राज्यों में जीत दिलाकर कमाल किया। उन्होंने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहा। व्यापारियों की क्या हालत हुई। अभी तक इसमें 368 संशोधन हो चुके हैं और हुए जा रहे हैं। जब हमारे प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री थे तब इसका विरोध किया था। जब आप छुपाएंगे तो जनता कहेगी कि चौकीदार चोर है। आप लोगों को बताते क्यों नहीं है। छुपाते क्यों हैं। कब तक लोग कहते रहेंगे चौकीदार चोर है, चौकीदार चोर है। बहुत वादे हो रहे हैं। बस सुनते रहिए, जनधन योजना, उज्जवला योजना, मेड इन इंडिया, क्लीन इंडिया। ये हमें अयोध्या ले जाएंगे। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। हमारे लोग डाइवर्ट कर रहे हैं। अभी वायदे करवा लीजिए। यहां कद्दावर नेता आए हैं। मैं केजरीवाल जी को सुनकर चार्ज होता हूं। खड़गे जी की बात को सुनता हूं, उन्होंने सही बात कही कि अभी एकता की जरूरत है। मतभेद हों, लेकिन मनभेद ना हो। हमें एकजुट रहना चाहिए। एकता का यह शो हमें उम्मीद दे रहा है। मैं ममता बनर्जी को बधाई देता हूं। जल्दबाजी में नोटबंदी कर दी।

शरद पवार ने कहा,'बेरोजगारी बढ़ रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बाहर करना चाहिए। एकता का यह शो हमें उम्मीद दे रहा है। मैं ममता बनर्जी को बधाई देता हूं।'

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। प्रधानमंत्री एक आत्ममुग्ध पीएम हैं लेकिन हम एक प्रदर्शनकारी पीएम चाहते हैं। यह राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के दिग्गजों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने नारे दिए हैं- जन धन, मुद्रा लोन, अच्छा सुशासन, स्मार्ट सिटी, काला धन वापस लाना। लेकिन हमें लोकतंत्र को बचाना है, भारत को बचाना है। भाजपा के अंदर पीएम पद को लेकर लड़ाई चल रही है। हमें देश को बदलने की जरूरत है।'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'नोटबंदी की वजह से सवा करोड़ नौकरियां खत्म हो गई। गाली कदेने वाले लोगों को पीएम मोदी फॉलो करते हैं। यदि मोदी-शाह की जोड़ी दोबारा आई तो देश नहीं बचेगा। कुछ भी करो मोदी-शाह को भगाओ। किसानों की फसले बर्बाद होती हैं तो मोदी जी और शाह उन्हें इंश्योरेंस कंपनियों के पास जाने को कहते हैं। यह कंपनियां मोदी जी के दोस्तों की हैं। यह जोड़ी संविधान को खत्म करना चाहती है। देश का युवा परेशान है उनके पास नौकरी नहीं है। मोदी और शाह जाने वाले हैं, देश के अच्छे दिन आने वाले हैं।'

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- 'मुझे पूरा भरोसा है कि जो बात बंगाल से चलेगी वो पूरे देश में नजर आएगी। बीएसपी के साथ हमारे गठबंधन से देश में खुशी की एक लहर आई है। आज इस रैली से देश की जनता में एक भरोसा पैदा होगा। भाजपा का 40 दलों के साथ गठबंधन है। चुनाव के नजदीक आते ही उसने सीबीआई और ईडी से भी गठबंधन कर लिया है। लेकिन हमारा गठबंधन जनता से है। मोदी के नाम ने देश को निराश किया है।'

फारूक अब्दुल्ला ने पारदर्शिता के लिए मतपत्र प्रणाली फिर से लागू करने की वकालत करते हुए ईवीएम को ‘चोर’ मशीन करार दिया। उन्होंने कहा, ‘यह किसी एक व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) को सत्ता से बाहर करने की बात नहीं है। यह देश को बचाने और आजादी के लिए लड़ने वालों के बलिदान का सम्मान करने की बात है। ईवीएम, चोर मशीन है। ईमानदारी से कह रहा हूं। इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए। दुनिया में कहीं भी मशीन का इस्तेमाल नहीं होता है। ईवीएम का इस्तेमाल रोकने और पारदर्शिता के लिए मतपत्र प्रणाली को वापस लाने के लिए विपक्षी दलों को निर्वाचन आयोग और भारत के राष्ट्रपति से मिलना चाहिए।’ जम्मू-कश्मीर के हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि लोग धार्मिक आधार पर बंट रहे हैं। ‘लोगों को पाकिस्तानी बताया जा रहा है। लेकिन सभी लोग.... लद्दाख से लेकर हर जगह पर... भारत में रहना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मुसलमान हूं और मुझे भारत से, अपने देश से प्यार है।’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा- 'नोटबंदी के जरिए इस सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बेहाल कर दिया है। अलोकतांत्रिक नेता इस सरकार को चला रहे हैं। क्षेत्रीय दलों में लोगों के साथ जुड़ने और अपने राज्यों के हितों की रक्षा करने की मजबूत प्रवृत्ति है। यह रैली केवल एक शुरुआत है। हम इस सरकार के खिलाफ देशभर में मार्च करेंगे। यह हमारा दुर्भाग्य है कि आज केंद्र मे ऐसी सरकार है जिसका नेतृत्व करने वाले नेता को संविधान पर भरोसा नहीं है।'

बसपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा- 'फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। किसान असंतुष्ट हैं, इस सरकार के अंतर्गत अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसी सरकार को उखाड़ने की जरूरत है। यदि हम संविधान को बचाना चाहते हैं तो हमें भाजपा सरकार से मुक्ति पाने की जरूरत है। वोट के लिए भाजपा जनता से झूठ बोल रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है। किसान, मजदूर, अल्पसंख्यकों और दलितों को सताया जा रहा है।'

हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा को देश से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए विपक्षी दलों से अपील की कि अगले लोकसभा चुनावों में वे सांप्रदायिक पार्टी को करारा जवाब दें। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मेजबानी में विशाल संयुक्त विपक्षी रैली में सोरेन ने कहा कि जिस तरह से भाजपा देश को चला रही है उससे देश में ‘हिंसा और अशांति का माहौल’ पैदा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ‘हम सभी विपक्षी दलों को सांप्रदायिक ताकतों का माकूल जवाब देना होगा। हमें भाजपा को ना सिर्फ केंद्र से उखाड़ फेंकना होगा बल्कि उसे राज्यों से भी हटाना होगा।’

डीएमके मुखिया एमके स्टालिन ने कहा- 'पीएम मोदी जहां भी जा रहे हैं वह विपक्ष पर जमकर हमला बोल रहे हैं। मोदी विपक्ष से डर गए हैं और इसलिए हमें कोस रहे हैं। वह हमारी एकता से डर गए हैं। हम सभी को भारत को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। हमें भाजपा की विभाजनकारी नीतियों को हराना है। हम भाजपा की नीतियों से सहमत नहीं हैं। मोदी ने जनता से उनके खाते में 15 लाख देने का वादा किया था। मगर अब तक किसी के खाते में पैसे नहीं पहुंचे हैं। मोदी सरकार में पेट्रोल-डीजल, सब्जी से लेकर रोजमर्रा के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव भाजपा के कट्टरपंथी हिंदू धर्म के खिलाफ लड़ने के लिए देश के लोगों का दूसरा स्वतंत्रता संग्राम होगा।' स्टालिन ने केंद्र सरकार पर कॉर्पोरेट घरानों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की। उन्होंने कहा, अगर मोदी फिर से सत्ता में आते हैं तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा।

भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने महारैली को संबोधित करते हुए कहा, 'देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। मोदी मुद्दा नहीं, देश के मुद्दे हमारे लिए अहम हैं। हर लोकतांत्रिक संस्था पर आज हमला हो रहा है। मोदी सरकार आंकड़ों से छेड़छाड़ करती है। कश्मीर का समाधान गोली से नहीं प्यार की बोली से होगा। सरकार विरोधी को देशद्रोही करार दिया जाता है। देश खतरनाक दौर से गुजर रहा है। गलत सोच वाली सरकार को बाहर करना है। सवाल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि देश का है। मोदी सरकार का इरादा कदेश को तोड़ने का है।'

जयंत चौधरी ने कहा, 'पीएम मोदी नोटबंदी पर माफी मांगकर बड़ा दिल दिखाएं। 56 इंच की छाती है तो दिल बड़ा क्यों नहीं है। ममता बंगाल के लिए जिद्दी हैं वह समझौता नहीं करती हैं। ममता बनर्जी ने किसानों की आय को दोगुना किया। मोदी अपने लोगों को ठेका दिलाते हैं। आज जैसी बदले की राजनीति पहले जैसी नहीं हुई।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'भाजपा की बांटने वाली राजनीति है। जो विरोध करता है उसे देशद्रोही बता दिया जाता है। सरकार की सोच तोड़ने वाली है। आज 22 पार्टियों का इंद्रधनुष बना है। रंग अलग होते हुए भी विपक्ष एक इंद्रधनुष है।'

गुजरात में पाटिदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ‘गोरों’ के खिलाफ लड़ने की अपील की थी और हम ‘चोरों’ के खिलाफ लड़ रहे हैं।

युवा गुजराती नेता ने सभी विपक्षी दलों को एक साथ एक मंच पर लाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया। जनसैलाब की ओर इशारा करते हुए पटेल ने कहा कि यह संकेत है कि भाजपा सत्ता से बाहर जा रही है। दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की विपक्षी रैली में कई विपक्षी दलों का एकसाथ आना आगामी लोकसभा चुनाव में बदलाव का संदेश देता है। ‘महागठबंधन’ आरएसएस और भाजपा की हार सुनिश्चित करेगा। गुजरात से निर्दलीय विधायक ने कहा, ‘भाजपा के साढ़े चार साल के शासन में गरीबों, अल्पसंख्यकों और दलितों के शोषण से देश अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है।’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि केन्द्र में ‘महागठबंधन’ की सरकार बनने पर वह संविधान के पालन को सुनिश्चित करेगा और देश एक सच्चा समाजवादी गणराज्य बन जाएगा ममता बनर्जी कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड पहुंच गई हैं। इसी मंच से वह विपक्षी एकता का संदेश देने के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति भी बनाएंगी।

रैली के लिए शुक्रवार से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों से पार्टी समर्थकों का महानगर पहुंचना शुरू हो गया था। बनर्जी का कहा है कि यह रैली आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी।

पश्चिम बंगाल से भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने रैली को लेकर कहा, 'भ्रष्ट नेताओं की एकता की रैली। कोलकाता में आज पाखंड का प्रदर्शन होगा।' बीजू जनता दल (बीजद) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चे के अलावा सभी विपक्षी पार्टियों के नेता इस रैली में हिस्सा लेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी रैली को अपना समर्थन दिया है। रैली की भारी सफलता को सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं। बड़े-बड़े मंचों के अलावा, 20 टॉवर खड़े गए हैं और 1,000 माइ्क्रोफोन एवं 30 एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं ताकि दर्शक नेताओं को साफ तौर पर देख एवं सुन सकें। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के लिए रैली वाले स्थान के अंदर एवं आस-पास 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी और 400 पुलिस पिकेट लगाए जाएंगे। पुलिस ने बताया कि रैली स्थान के आस-पास वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।

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