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पटना: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को 'बेटी योजना' की घोषणा की। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पटना में आयोजित 'माई बहिन महासम्मेलन' में उन्होंने इसकी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि 'बेटी योजना' एक ऐसी योजना होगी, जो 'माई बहिन मान योजना' से अलग होगी। बिहार में जन्म लेने वाली बेटी के पैदा होने के साथ ही सभी सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि वह अच्छे से पढ़ाई कर सके, उसे रोजगार मिले, क्योंकि बेटियां ही बिहार का भविष्य हैं।

उन्होंने 'बेटी योजना' का फुलफॉर्म समझाते हुए कहा कि बी मतलब बेनिफिट, ई मतलब एजुकेशन, टी का तात्पर्य ट्रेनिंग और आई मतलब इनकम। ये सभी कार्यक्रम चलेंगे। बेटियों को विश्वस्तरीय ट्रेनिंग और एजुकेशन भी मिलेगी, जिससे उन्हें काम मिले और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर महिलाओं के मान-सम्मान की रक्षा की जाएगी। 'जीविका दीदी' का मानदेय बढ़ाया जाएगा, उनका नियमितीकरण किया जाएगा। उनके ऋण को माफ किया जाएगा। रसोइयों की समस्या का भी समाधान किया जाएगा।

पटना (जनादेश ब्यूरो): बिहार विधान मंडल के बजट सत्र का आज छठा दिन है। बिहार विधानसभा सत्र की शुरुआत होते ही विपक्ष के विधायकों ने महिला हिंसा के खिलाफ जमकर हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। इसी बीच भाकपा माले के विधायक वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विधायकों ने नालंदा में महिला के साथ हुए बर्बरता का मुद्दा उठाया।

सीएम नीतीश का विपक्ष पर तीखा वार

इसी बीच अचानक सीएम नीतीश कुमार खड़े हो गए और हंगामा कर रहे विधायकों के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हम आप लोग के सामने हाथ जोड़ते हैं। आप लोग बैठ जाइए। मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, “ए सुनो, फालतू बात मत करो… किसी भी घटना पर तुरंत कार्रवाई होती है। जो गड़बड़ करेगा उस पर एक्शन होगा। जब भी कोई घटना होती है मैं तुरंत अधिकारियों से कहता हूं कि देखो क्या हुआ। आप लोगों को प्रदर्शन की कोई जरूरत नहीं है।”

पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सस्ती रसोई गैस, मुफ्त बिजली और महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को राज्य विधान परिषद के बाहर प्रदर्शन किया।

आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बजट पेश किए जाने से महज कुछ घंटे पहले पार्टी सहयोगियों के साथ विधान परिषद के बाहर प्रदर्शन किया।

ऊपरी सदन में विपक्ष की नेता पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "सरकार को गरीब महिलाओं को 2,500 रुपये का मासिक भत्ता देना चाहिए, साथ ही रसोई गैस पर और अनुदान देनी चाहिए ताकि लोगों को 1,200 रुपये की मौजूदा दर के बजाय 500 रुपये में सिलेंडर मिल सके।" उन्होंने कहा, "सरकार को हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा करनी चाहिए। हम इन मांगों के लिए सत्ता पक्ष पर दबाव बनाएंगे।"

उल्लेखनीय है कि रविवार को उनके पुत्र तेजस्वी यादव, जो पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, द्वारा संबोधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ये मांगें उठाई गईं।

पटना: बिहार में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले चर्चा हो रही है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर सी-वोटर का नया सर्वे सामने आया है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

सी-वोटर के सर्वे में सामने आया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है, जबकि आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है।

बिहार में प्रशांत किशोर की लोकप्रियता भी बढ़ी

सर्वे के आंकड़े बताते कि 41 फीसदी लोग तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनता हुआ देखना चाहते हैं, जबकि केवल 18 फीसदी लोग ही हैं, जो नीतीश कुमार को फिर से सीएम के पद पर देखना चाहते हैं। इसके अलावा इस सर्वे में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर, बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और चिराग पासवान को लेकर भी सवाल पूछे गए थे। बिहार के 15 फीसदी लोग प्रशांत किशोर को सीएम बनता हुआ देखना चाहते हैं, इस सर्वे में पीके बीजेपी के सम्राट चौधरी से आगे हैं।

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