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पटना: बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ रहे पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के सिपाही हैं और आखिरी सांस तक इस दल के साथ रहेंगे। उन्होंने हाल में 2015 में स्थापित अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था। यादव को पूर्णिया सीट पर जनता दल यूनाइटेड ( जदयू) सांसद संतोष कुमार कुशवाहा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उम्मीदवार बीमा भारती के साथ त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ा रहा है।

1990 के दशक में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तीन बार पूर्णिया सीट जीतने वाले यादव ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का एक सिपाही हूं। मैं अपनी आखिरी सांस तक (वैचारिक तौर पर) कांग्रेस पार्टी के साथ रहूंगा। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा मेरे खून में है।''

‘महागठबंधन' के घटक दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के तहत पूर्णिया सीट राजद के खाते में गई है। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने कथित तौर पर पप्पू यादव को इस सीट से नामांकन वापस लेने की सलाह दी थी।

लेकिन वह पूर्णिया से ही चुनाव लड़ने पर अड़े हैं।

पप्पू यादव ने ‘महागठबंधन' में दरार के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया, ‘‘मैं कभी नहीं चाहता था कि पूर्णिया में पश्चिम बंगाल और केरल की तरह ‘इंडिया' गठबंधन के घटक एक-दूसरे से लड़ते दिखें, लेकिन लालू प्रसाद ने मेरे साथ अन्याय किया।''

उन्होंने कहा,‘‘ जब भी मैंने चुनाव लड़ा, उन्होंने मेरा विरोध किया। अपने प्रति उनकी इस नफरत को समझने में मैं असमर्थ रहा हूं। उन्होंने बाधाएं खड़ी की।''

पप्पू यादव ने लालू प्रसाद पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा, ‘‘उन्होंने मेरी पत्नी रंजीत रंजन (कांग्रेस राज्यसभा सांसद) के साथ भी ऐसा ही किया है। लेकिन मैंने पूर्णिया के लोगों से वादा किया है कि मैं उनके लिए लड़ूंगा। यह मेरे लिए जीवन और मृत्यु का सवाल बन गया है।''

उन्होंने दावा किया कि उन्हें राजद की ओर से पूर्णिया के बजाए मधेपुरा और सुपौल से चुनाव लडने की पेशकश की गयी पर उन्हें यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं था। पप्पू यादव ने कहा, ‘‘मैं अपनी पहचान और विचारधारा से समझौता नहीं कर सकता। पूर्णिया मेरी कर्मभूमि है और मैं इसे आखिरी सांस तक नहीं छोड़ूंगा। मैं जीवन भर भ्रष्टाचार से लड़ने और सीमांचल तथा कोसी क्षेत्र के विकास के लिए कड़ी मेहनत करूंगा।''

उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना कहा, ‘‘उन्होंने मेरे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार किया। बिहार की राजनीति में ऐसे लोग हैं जिन्होंने मेरा राजनीतिक करियर खत्म करने की साजिश रची। पूर्णिया इसे कभी नहीं भूलेगा... यहां के मतदाता उन्हें चुनाव में करारा जवाब देंगे।''

पूर्णिया लोकसभा सीट को लेकर अपने भविष्य की योजना के बारे में बताते हुए पप्पू यादव ने कहा, ‘‘मेरी प्रमुखता कुछ प्रमुख उद्योगों को पूर्णिया में लाना है ताकि इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें। मैं इस क्षेत्र के किसानों की उपज के लिए बेहतर कीमत भी सुनिश्चित करूंगा और उन्हें बिचौलियों के चंगुल से भी मुक्त कराउंगा।''

बिहार के विपक्षी ‘महागठबंधन' के सीट बंटवारे समझौते के हिस्से के रूप में पूर्णिया को राजद को आवंटित किया गया था। जिसने पांच बार विधायक रही और हाल ही में जदयू से पाला बदलने वाली बीमा भारती को मैदान में उतारा है।

पूर्णिया में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में पूर्णिया के अलावा बिहार की किशनगंज, कटिहार, भागलपुर और बांका सीट पर भी मतदान होगा।

 

 

 

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