पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दस मिनट वाली मुलाकात पर अब सियासत तेज हो गई है। मकर संक्रांति सोमवार (15 जनवरी) को राबड़ी आवास सामने से ना जाकर सीएम नीतीश कुमार पीछे से घुसे और मीडिया को कोई बयान नहीं दिया। दस मिनट तक वो अंदर रहे फिर निकल गए। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में प्रतिक्रिया दी।
'लगातार काम हो रहा है, इसलिए बीजेपी में बेचैनी है'
तेजस्वी यादव ने कहा कि मकर संक्रांति पर नीतीश कुमार हमारे घर आए, सभी मंत्री आए, सबका स्वागत किया गया। खुशियां बांटी जा रही हैं। महागठबंधन एकजुट है। नीतीश कुमार नाराज नहीं हैं। हर बार एक ही मुद्दे पर हम लोग सफाई क्यों दें? यह सब बेकार की बातें हैं। जब से महागठबंधन बना तब से बीजेपी घबराई हुई है। लालू यादव और नीतीश कुमार साथ हैं इसलिए बीजेपी डरी हुई है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार शिक्षकों को नौकरी दे रही है। जातीय गणना कराई गई। आरक्षण का दायरा बढ़ा। कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लोगों की सैलरी बढ़ी।
उन्होंने कहा, लगातार काम हो रहा है, इसलिए बीजेपी में बेचैनी है। कोई कुछ भी कहते रहे। महागठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
हो सकता है सीटों पर फैसला हो गया हो
तेजस्वी से पूछा गया कि नीतीश ने संयोजक पद क्यों ठुकरा दिया? सीट बंटवारा कब होगा? इस पर तेजस्वी ने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में सब हो गया है या नहीं हुआ इसकी जानकारी हो सकता है आप लोगों (मीडिया) को न हो। हो सकता है सब फैसला हो गया हो।
बता दें कि लोकसभा की 40 सीटों को लेकर महागठबंधन में पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस 9 से 10 सीट मांग रही है। वहीं जेडीयू 16 सीटिंग सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. तेजस्वी यादव ने इससे पहले भी यह कहा था कि सीटों का बंटवारा हमलोग पत्रकारों से क्यों शेयर करेंगे? कहीं कोई दिक्कत नहीं है।