ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

पटना: पेगासस जासूसी मामला सामने आने के बाद से पूरे देश में सियासी बवाल मच गया है। आज से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र में भी इसको लेकर हंगामा देखने को मिला। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी जासूसी मामले पर बयान आया है। उन्होंने इसे बेकार की बातें बताते हुए कहा कि किसी को डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है।

सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'ये गलत हैं। यह सब गंदी बात हैं, सब फ़ालतू चीज़ हैं। किसी को डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है। मेरे हिसाब से बिल्कुल बेकार बात हैं। नई टेक्नॉलोजी का दुरुपयोग हो रहा है। इसका बुरा असर भी पड़ रहा है। कई जगह लोगों को परेशानी हो रही है। काम करना चाहते हैं, उसमें बाधा आती है। कोई गलत काम करता है तो उस पर शुरू से ही कार्रवाई करने का प्रावधान होता है।

बता दें, रविवार को न्यूज वेबसाइट 'द वायर' समेत कई मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि एक अज्ञात एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करते हुए भारतीय पत्रकारों और नेताओं को निशाना बनाया है। रिपोर्ट में बताया गया था कि लीगल कम्यूनिटी मेंबर्स, बिजनेसमैन, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, कार्यकर्ताओं और अन्यों के नंबर एजेंसी की हैकिंग लिस्ट में शामिल थे। इस लिस्ट में 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबर हैं ।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इन नंबरों को 2019 के लोकसभा चुनाव से 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था।

हालांकि, इस मामले पर सरकार की ओर से भी सफाई आई थी। सरकार ने हैकिंग में शामिल होने से इंकार करते हुए कहा, 'विशेष लोगों पर सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई ठोस आधार या इससे जुड़ी सच्चाई नहीं है।' लेकिन, द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर की खरीद या उपयोग से स्पष्ट रूप से इंकार नहीं किया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख