पटना: कोरोना लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक समेत कई लोग अभी फंसे हुए हैं। उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसा अनुमान है कि इनमें सर्वाधिक संख्या बिहार के प्रवासी मजदूरों की है, जो देश के विभिन्न राज्यों में मजदूरी काम करते हैं। हाल ही में हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इनके सुरक्षित घर वापसी का मुद्दा भी उठाया था। आज ही गृह मंत्रालय ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा के लिए आदेश जारी किया है। गृह मंत्रालय के इस नए आदेश के अनुसार, सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच की जाए और घर पहुंचाने से पहले उन्हें क्वरंटाइन किया जाए।
गृह मंत्रालय के इस फैसले पर बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बिहार प्रधानमंत्री का आभारी है।
हाल ही में हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन के बीच घर से दूर फंसे प्रवासी मजदूरों के सुरक्षित घर वापसी का सुझाव दिया था। बिहार अपने मूल निवासियों का दिल से स्वागत करता है।' आगे उन्होंने कहा, 'हम इस कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूर, छात्र, मरीज, पर्यटक सहित अन्य लोगों की जरूरी स्क्रीनिंग, टेस्ट और आइसोलेशन के नियमों का पालन कर सुरक्षित यात्रा के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
आपको बता दें कि सरकार की तरफ से ये गाइडलाइंस ऐसे वक्त पर आई है जब दूसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने जा रही है लेकिन देश के कई हिस्सों से अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं।
इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केन्द्र सरकार से यह मांग की थी कि जो प्रवासी मजदूर वहां पर फंसे हुए हैं उनके लिए केन्द्र सरकार उनके घर जाने की व्यवस्था करे और ट्रेन की सुवधा दे।