नई दिल्ली: बिहार में लागू शराबबंदी की चर्चा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमतौर पर अपनी सभी सार्वजनिक सभाओं में करते रहे हैं, लेकिन राज्य में शराबबंदी की पोल भी कई बार खुल चुकी हैं। शनिवार को इसी कड़ी में एक नया मामला सामने आया जब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के एक नेता का विडियो सामने आया। इस वीडियो में युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल गौरव शराब की पार्टी करते और शराब की बोतल के साथ डांस करते दिख रहे है। वीडियो में और भी कई लोग उनके साथ दिख रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस वीडियो की सत्यता की हालांकि पुष्टि नहीं की जा सकती।
इधर, इस वीडियो के वायरल होने के बाद बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने अपने ट्विटर हैंडल से इस विडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “नीतीश कुमार जी के ये लाडले जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। नीतीश कुमार की बहुचर्चित शराबबंदी में ये महाशय खुद को नागिन डांस के तड़के पर सैनिटाइज कर रहे हैं।
बिहार में गरीब राशन के अभाव में मर रहे हैं और मुख्यमंत्री के करीबी कानून की धज्जियां उड़ा जाम छलका रहे हैं। सब काम कागजी हो रहा है।”
इस ट्वीट को पूर्व-उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने री-ट्वीट करते हुए लिखा, “आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, इसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए। कानून का उल्लंघन करने वाला यह शख्स अगर गिरफ्तार नहीं होता है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि सरकार स्वयं इस कानून का उल्लंघन कर और करवा रही है।”
क्या है शराबबंदी कानून?
गौरतलब है कि बिहार में 5 अप्रैल, 2016 से शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध जारी है। बिहार में मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 लागू था, जिसमें बदलाव कर कई प्रावधानों को नरम बनाया गया और नया शराबबंदी कानून बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित किया गया। अब पहली बार पकड़े जाने पर जमानत का प्रावधान है। पहले ये गैर-जमानती अपराध था। नए कानून के तहत राज्य में शराब पीने पर पहली बार पकड़े जाने पर 50,000 रुपए का जुर्माना या 3 महीने की जेल है।
नए कानून में किसी भी परिसर में शराब मिलने पर संपत्ति (भूमि, घर) या वाहन को जब्त करने के प्रावधान को हटा दिया गया। इसी तरह नए कानून में घर में शराबखोरी होने पर परिवार के 18 साल से ऊपर सभी सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रावधान को हटा दिया गया। अब उसी पर कार्रवाई की जा रही है जिसने शराब पी है। इसके अलावा सामूहिक जुर्माने के प्रावधान को समाप्त किया गया। पहले किसी इलाके में भारी मात्रा में शराब मिलने पर सामूहिक जुर्माने का प्रावधान था।