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पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दूसरे प्रदेशों से बिहार में लोगों के आने का सिलसिला जारी है। बुधवार को मीठापुर स्टैंड में बस पकड़ने आए लोगों की भीड़ अनियंत्रित होने लगी तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। एक हाथ में बैग, दूसरे हाथ में बच्चों का हाथ पकड़े लोग बाइपास की तरफ भागने लगे। सभी लोगों को पुलिस ने खदेड़कर बाइपास की तरफ भगा दिया। लोगों को कोई चारा नहीं दिख रहा था। बताया जाता है कि ये लोग काफी दूर-दूर से पैदल ही आ रहे हैं।

बस स्टैंड में एक साथ हजारों लोगों के पहुंचने की खबर न तो परिवहन निगम के अधिकारियों के पास थी और न ही डीटीओ के पास। डीटीओ अजय कुमार ठाकुर का कहना है कि दूसरे प्रदेशों से लोगों के आने की कोई सूचना नहीं है। सारे लोग स्थानीय मजदूर है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि कोरोना संक्रमण में जब 10 लोगों को भी एक जगह रहने पर पाबंदी है तो इतनी संख्या में लोगों को रखने की इजाजत कैसे मिली।

 

बिना स्क्रीनिंग के ही लोग भटकते रहे

कोरोना वायरस का संक्रमण एक-दूसरे से नहीं फैले, इसके लिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है। लोगों को घरों में रहने को कहा जा रहा है। ऐसे में बस स्टैंड पर इतने सारे लोग एक जगह इकट्ठा थे। न तो किसी के लिए मेडिकल जांच की सुविधा थी, न मास्क और न सैनेटाइजर की व्यवस्था थी। सबसे ताज्जुब की बात यह थी परिवहन विभाग कोई जानकारी नहीं। लोग बाइपास के दक्षिणी इलाकों में शरण के लिए भटक रहे थे।

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