पटना: बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने विधानसभा परिसर के अंदर मुख्यमंत्री नितीश कुमार और राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ मुलाकात को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगायी जा रही अटकलों को खारिज करते हुए गुरुवार (27 फरवरी) को कहा कि राजद के साथ कोई "नज़दीकियां" नहीं हैं, हम राजग के साथ मजबूती से हैं। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष और सरकार लोकतंत्र के दो पहियों के समान हैं और प्रतिपक्ष के लोगों की मुख्यमंत्री से मुलाकात को अस्वभाविक नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि यह राजनीतिक मुलाकात है।
मंगलवार (25 फरवरी) को बिहार विधानसभा परिसर स्थित कक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद ने मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी इन दिनों प्रदेश की यात्रा पर हैं और सरकार के खिलाफ लगातार "विषवमन" कर रहे हैं।
वशिष्ठ ने बिहार विधानसभा के एनपीआर 2020 के प्रपत्र में ट्रांसजेंडर का समावेश किए जाने के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2010 में अंकित कंडिकाओं के अनुसार एनपीआर कराए जाने तथा राज्य में एनआरसी की कोई आवश्यकता नहीं... से संबंधित प्रस्ताव को मंगलवार (25 फरवरी) को सर्वसम्मति से पारित कर दिए जाने को एक आदर्श स्थिति बताया। उन्होंने कहा कि सदन के सदस्यों ने ऐसा करके पूरे देश को एक संदेश देने का काम किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस साल के अंत में जदयू और राजद फिर से साथ होंगे, वशिष्ठ ने इसे खारिज करते हुए कहा कि राजद के साथ कोई "नज़दीकियां" नहीं। हम लोग राजग में मजबूती से हैं और आगे भी रहेंगे।
भाकपा नेता कन्हैया कुमार के सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ अभियान के बारे में पूछे जाने पर वशिष्ठ ने कहा कि जिनके पास कोई कार्यक्रम नहीं वे ही संविधान बचाने की बात करते हैं। वशिष्ठ ने कहा कि एक मार्च को पार्टी द्वारा आयोजित किए जाने वाले “कार्यकर्ता सम्मेलन” में करीब दो लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद हैं।