पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ यात्रा शुरू होने से पहले ही विवादों में आ गई है। पहले विरोधियों ने आरोप लगया कि जिस बस से राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी इस यात्रा को शुरू करने जा रहे हैं, वह किसी बीपीएल धारक के नाम पर रजिस्टर्ड है। अब इसके खिलाफ पटना में पोस्टर लगाए हैं। पोस्टर पर तेजस्वी की इस यात्रा को 'आर्थिक उगाही यात्रा' बताया गया है। इसके साथ ही निशाना साधते लिखा गया है, 'हाईटेक बस तैयार हुआ, अतिपिछड़ा शिकार हुआ।'
बता दें कि तेजस्वी यादव वेटनरी कॉलेज खेल मैदान में सभा के साथ ही रविवार यानी आज 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' शुरू करेंगे। सभा दोपहर 11 बजे से होगी। पार्टी ने जनसभा की सारी तैयारियां कर ली हैं। तेजस्वी यादव के साथ जगदानंद सिंह ने शनिवार को मैदान में जाकर तैयारियों की समीक्षा की। पटना में जनसभा के बाद नेता प्रतिपक्ष सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर बेरोजगारी दूर करने की लड़ाई का शंखनाद करेंगे।
पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह और डॉ. तनवीर हसन की देखरेख में पदाधिकारियों की विभिन्न कमिटियां बनायी गई हैं, जिन्हें भिन्न-भिन्न जिम्मेवारियां दी गई हैं। इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है कि सभा में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। उनके लिए पार्टी की ओर से पेयजल के साथ ही स्वास्थ्य शिविर भी लगाने की व्यवस्था की गई है। महिलाओं एवं छात्र नौजवानों को बैठने के लिए अलग-अलग दीर्घाएं बनाई गई हैं।
बिहार के लोग कबतक मजदूरी कर पेट पालेंगे
इससे पहले शुक्रवार को तेजस्वी ने कहा था कि बेरोजगारी हटाओ यात्रा के माध्यम से राजद एक नई लड़ाई छेड़ने जा रहा है। यह लड़ाई हर हाथ को काम मिलने तक जारी रहेगी। 45 वर्षों बाद देश में बेरोजगारी सबसे अधिक है। साथ ही सरकार से सवाल किया है कि आखिर कब तक बिहार के लोग मजदूरी करके पेट पालते रहेंगे? हिसाब मांगों तो सरकार भूतकाल की बात करने लगती है। समझना चाहिए कि नब्बे के दौर की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्राथमिकताएं अलग थीं और आज की अलग हैं। तुलना नहीं की जा सकती।