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नई दिल्‍ली: मणिपुर सरकार ने हिंसा प्रभावित राज्य में आंशिक रूप से इंटरनेट बहाल कर दिया है। सरकार ने आज एक आदेश में कहा कि केवल वे लोग जिनके पास स्‍टेटिक आईपी कनेक्शन है, वे ही सीमित तरीके से इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। वहीं फिलहाल राज्‍य में मोबाइल इंटरनेट पर लगी पाबंदी जारी रहेगी। राज्‍य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़पों के बाद करीब दो महीने से ज्‍यादा वक्‍त से इंटरनेट बंद था। बता दें कि मणिपुर हिंसा के कारण 3 मई के बाद से अब तक 160 से ज्‍यादा लोग मारे जा चुके हैं।

सरकार की ओर से कहा गया है कि स्टेटिक आईपी के अलावा किसी अन्य कनेक्शन की अनुमति नहीं है। अगर कोई सब्‍सक्राइबर किसी अन्‍य कनेक्शन का उपयोग करते हुए पाया जाता है तो इसके लिए सेवा प्रदाता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जब किसी डिवाइस को एक स्‍टेटिक आईपी एड्रेस दिया जाता है तो यूनिक एड्रेस नहीं बदलता है। ज्‍यादातर डिवाइस डायनेमिक आईपी एड्रेस का उपयोग करते हैं। कानून प्रवर्तन अधिकारियों के द्वारा स्‍टेटिक आईपी एड्रेस की निगरानी करना आसान होता है।

नई दिल्ली: पिछले कई महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। हाल में महिलाओं पर अत्याचार का वीडियो वायरल होने के बाद देश में गुस्सा भी देखा जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में अब मणिपुर से बीजेपी विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना की है।

उन्होंने कहा कि उन 79 दिनों के बारे में भूल जाइए, इतनी बड़ी हिंसा के लिए एक सप्ताह (प्रतिक्रिया देने के लिए) भी बहुत लंबा समय होता है। पाओलीनलाल होकिप खुद कुकी-जोमी समुदाय से आते हैं। उनका मानना है कि पीएम मोदी की प्राथमिकताएं पूरी तरह से गलत हैं। इसके अलावा वो ये भी दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री के अमेरिका के दौरे से पहले उन्होंने पीएम तक पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो सके।

न्यूजलॉन्ड्री को दिए एक इंटरव्यू में पाओलीनलाल हाओकिप ने कहा, “इंटरनेशनल रिलेशन को नजरंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन जहां पर लोग मारे जा रहे हैं उस मामले को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए। मानवता यही है, जिसकी कमी है।”

इंफाल: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने के मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार (20 जुलाई) को बताया कि ये मानवता के लिए क्राइम है। हमने तुरंत वीडियो को देखते हुए ऑपरेशन शुरू कर दिया था। सुबह एक आरोपी गिरफ्तार हुआ था, अब और आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।

मणिपुर पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि इस मामले में तीन और आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। जिसके बाद इस मामले में कुल चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस अन्य दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। छापेमारी जारी है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही वीडियो हमारे संज्ञान में आया, हमने आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की। हमने एक मिनट भी जाया नहीं किया है। कोई दोषी नहीं बचेगा।

इस मामले पर मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि ये घटना निंदनीय है। मैंने डीजीपी को बुलाया था और सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।

इंफाल: हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने और उनके साथ यौन हिंसा की घटना ने हर किसी को परेशान कर दिया है। घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना के विरोध में राज्य में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। चुड़ाचांदपुर में गुरुवार को भीड़ ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। हजारों लोग काले कपड़े पहनकर जमा हो गए हैं। वे नारेबाजी करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि 26 सेकंड के वायरल फुटेज में दिख रहे एक शख्स को थौबल जिले से गिरफ्तार किया गया है। बाकियों की तलाश की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, इस शख्स को ही घटना का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। पुलिस उससे उसके साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है।

दिल को दहला देने वाला वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जनता को आश्वासन दिया कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा।

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