ताज़ा खबरें
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

इंफाल: मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में उग्रवादियों के दो समूहों के बीच गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्टस में अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी गई है। अधिकारी ने कहा कि यह घटना सोमवार दोपहर को लीथू गांव में हुई।

उन्होंने कहा, ''म्यांमार जा रहे उग्रवादियों पर इलाके में प्रभावी विद्रोहियों के एक अन्य समूह ने घात लगाकर हमला किया। मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों को 13 शव मिले हैं, उनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वे स्थानीय निवासी नहीं थे। तेंगनौपाल जिला म्यांमार के साथ सीमा साझा करता है।

मणिपुर में मई महीने में हिंसा की चिंगारी सुलगी थी

बता दें कि इसी साल मई महीने में राज्य में हिंसा की चिंगारी सुलगी थी। इसी के बाद हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और करीब 175 लोगों की जान चली गई। ज्यादातर इलाके में अब भी इंटरनेट बंद हैं।

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा से प्रभावित छात्रों को विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों में ट्रांसफर करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया हैं। जिससे 284 छात्रों में नई उम्मीद जागी है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन विकल्प दिए हैं। यह आदेश इंफाल के मणिपुर विश्वविद्यालय में छात्रों की दुर्दशा को उजागर करने वाली याचिका पर आया है। याचिका में कहा गया है कि कई छात्र राज्य से भाग गए हैं और उनके लिए वापस लौटना मुश्किल होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जो तीन विकल्प दिए हैं, वो इस प्रकार हैं-

एक, असम विश्वविद्यालय, सिलचर या नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग में दाखिल लें, इच्छुक छात्रों को मणिपुर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा गया। दो, ऑनलाइन कक्षाएं: केंद्र, राज्य से कहा गया कि जो भी छात्र इस मोड को चुनना चाहते हैं, उन्हें यह व्यवस्था प्रदान की जाए।

तीन जो छात्र उपरोक्त दो उपायों को चुनने के इच्छुक नहीं हैं और उनकी समस्याएं बनी रहती हैं, उन्हें जस्टिस गीता मित्तल समिति के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत करनी होगी।

इंफाल: मणिपुर के सबसे पुराने सशस्त्र उग्रवादी समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताते हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बुधवार (29 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सब 60 साल बाद हो रहा है, जो एक बड़ी सफलता है।

'मोदी-शाह के प्रयासों से 60 साल बाद हो रहा ये जादू': सिंह

एक साक्षात्‍कार के दौरान मण‍िपुर सीएम सिंह ने कहा, ''शांति वार्ता के प्रयास सालों से किए जा रहे थे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही थी। यह हस्ताक्षर आज पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ है। मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देता हूं, जिन्होंने शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत की।''

उन्होंने कहा, ''यूएनएलएफ के कैडर शांति के मार्ग पर चलने के लिए सहमत हुए हैं। मैं इसके लिए सदस्यों की सराहना करता हूं। मुझे उम्मीद है कि राज्य में उग्रवादी और हथियार उठाने वाले भी शांति का रास्‍ता अख्‍त‍ियार करेंगे।''

नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों की महिला समिति द्वारा एक रिपोर्ट दाखिल की गई है, जिसमें राज्य के मुर्दाघरों में पड़े शवों की स्थिति का संकेत दिया गया है। इस समिति का नेतृत्व न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गीता मित्तल द्वारा किया गया।

इसने इस बात पर भी गौर किया कि 169 शवों में से 81 पर उनके परिजनों ने दावा किया है, जबकि 88 शवों पर दावा नहीं किया गया है। पीठ ने पाया कि राज्य सरकार ने नौ स्थलों की पहचान की है जहां शवों को दफनाया जा सकता है।

पीठ ने कहा, 'उन शवों को शवगृहों में अनिश्चित काल तक रखना उचित नहीं होगा, जिनकी पहचान नहीं की गई है या जिन पर दावा नहीं किया गया है।' शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें हिंसा के मामलों की अदालत की निगरानी में जांच के अलावा राहत और पुनर्वास के उपाय की मांग शामिल है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख