इंदौर: इंदौर में कांग्रेस के 'डमी' (वैकल्पिक) उम्मीदवार मोती सिंह ने पार्टी के चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ने की अनुमति के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को अपील दायर की। मोती सिंह ने इस अपील में उच्च न्यायालय की एकल पीठ के 30 अप्रैल के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ के साथ चुनाव लड़ने की अनुमति की गुहार वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। एकल पीठ ने कहा था कि यह याचिका नियम-कायदों को लेकर गलतफहमी के चलते दायर की गई है।
हाईकोर्ट में कल हो सकती है सुनवाई
उच्च न्यायालय की युगल पीठ मोती सिंह की अपील पर तीन मई (शुक्रवार) को सुनवाई कर सकती है।
मोती सिंह का नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी द्वारा छह दिन पहले खारिज किया जा चुका है। लेकिन उन्होंने इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने का हवाला देते हुए अदालत से गुहार लगायी है कि उन्हें पार्टी के चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।
मोती सिंह की अपील में कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन पत्र दस्तावेजों की छानबीन के दौरान 26 अप्रैल को कथित रूप से त्रुटिपूर्ण तरीके से केवल इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह महज वैकल्पिक उम्मीदवार हैं, जबकि बम पार्टी के स्वीकृत प्रत्याशी हैं।
अपील में कहा गया है कि चूंकि बम ने नामांकन वापस ले लिया है, इसलिए चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन आदेश) 1968 के तहत मोती सिंह को कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे के साथ चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।
बम ने इंदौर में कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही भाजपा का मजबूत गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस की चुनावी चुनौती समाप्त हो गई, जहां वह पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है।