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भोपाल (जनादेश ब्यूरो): बीजेपी नेतृत्व ने मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया है। पार्टी ने इसबार शिवराज सिंह चौहान पर नहीं, बल्कि डॉ. मोहन यादव पर भरोसा जताया है। उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। वह ओबीसी वर्ग से आते हैं। मध्य प्रदेश सरकार में इस बार दो डिप्टी सीएम भी होंगे। इसके लिए जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला के नाम पर मुहर लगी है। जगदीश देवड़ा मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ से विधायक हैं। वह एससी वर्ग से आते हैं। वहीं, ब्राह्मण वर्ग से आने वाले राजेन्द्र शुक्ला रीवा सीट से विधायक हैं।

नरेंद्र तोमर को मिलेगी स्पीकर की कुर्सी

नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा के अध्यक्ष होंगे। तोमर मुरैना जिले की दिमनी सीट से विधायक हैं। अब तक वो केंद्रीय कृषि मंत्री थे। हाल ही में उन्हें संसद से इस्तीफा दिया है।

मध्य प्रदेश के नए सीएम के तौर पर डॉ। मोहन यादव चौंकाने वाला नाम है, क्योंकि इससे पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में उनकी कभी चर्चा नहीं हुई।

सबसे ज्यादा संभावना शिवराज सिंह चौहान की मानी जा रही थी। वह 4 बार के सीएम रहे हैं। वहीं, प्रहलाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर के नाम भी लगातार सुर्खियों में बने हुए थे। कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सीएम पद के प्रबल दावेदारों में गिने जा रहे थे। कुछ लोग वीडी शर्मा के नाम पर भी कयास लगा रहे थे। लेकिन डॉ. मोहन यादव के नाम की घोषणा के साथ ही सारी अटकलों पर विराम लग गया।

मुख्यमंत्री के रूप में अपने नाम के एलान के बाद डॉ. मोहन यादव ने कहा, "मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। प्यार और सहयोग के लिए पार्टी की स्टेट लीडरशिप और केंद्रीय लीडरशिप का बहुत बहुत धन्यवाद। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाऊंगा।"

कौन हैं जगदीश देवड़ा?

जगदीश देवड़ा पिछली शिवराज सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। वह छह बार से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। जगदीश देवड़ा ने अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट हैं। उन्होंने उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय से 1979 में पढ़ाई पूरी की। उनके पास राजनीति का अच्छा-खासा अनुभव है।

कौन हैं राजेंद्र शुक्ला?

राजेंद्र शुक्ला का जन्म रीवा में हुआ। उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार हैं। बचपन से ही लीडरशीप क्वालिटी होने के कारण वे 1986 में इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने। उन्होंने 2003 में विधानसभा चुनाव लड़कर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने 2008 और 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में फिर से अपनी जीत दोहराई। एक विधायक के रूप में अपने कार्यकाल में राजेंद्र शुक्ला ने वानिकी, जैव विविधता/जैव प्रौद्योगिकी, खनिज संसाधन और कानून और विधायी मामलों सहित विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत काम किया। उन्होंने 2013 में शिवराज सिंह चौहान सरकार के तहत कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला।

नरेंद्र तोमर को मिलेगी स्पीकर की कुर्सी

नरेंद्र सिंह तोमर मोदी सरकार में कृषि मंत्री थे। उन्होंने मुरैना जिले की दिमनी सीट से चुनाव लड़ा था और प्रचंड जीत हासिल कर विधायक बने। इस चुनाव के लिए तौमर ने नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। राज्य में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में तोमर भी शामिल माने जा रहे थे। नरेंद्र सिंह तोमर मध्य प्रदेश में बीजेपी चुनाव अभियान समिति के प्रमुख और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा तोमर मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि तोमर मोदी के काफी करीबी नेताओं में से एक है।

विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीती 163 सीटें

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया है। कुल 230 सीटों में से बीजेपी ने 163 सीटें जीती हैं, जो मध्य प्रदेश में बहुमत के आंकड़े ( 116) से काफी अधिक है। कांग्रेस ने 66 सीटें जीती हैं। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई है।

 

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