भोपाल: वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस को जल्द ही अपने नये अध्यक्ष की खोज करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी ऐसी शख्सियत को कांग्रेस अध्यक्ष का मौका दिया जाना चाहिए जो पार्टी में नई ऊर्जा पैदा कर पाये। सिंधिया ने एक सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने कल्पना नहीं की थी कि जिस राहुल गांधीजी ने केवल कांग्रेस का नहीं लेकिन देश के जनमानस का नेतृत्व किया वे अपने पद (कांग्रेस अध्यक्ष) का त्याग करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा गंभीर समय है। इसमें कोई दो राय नहीं। हमने उन्हें (कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए) मनाने की कोशिश की। लेकिन जब राहुलजी निर्णय लेते हैं तो उस पर अटल रहते हैं और इस बात पर भी मुझे गर्व है।’’
सिंधिया ने कहा, ‘‘आज कांग्रेस पार्टी को अपने नये अध्यक्ष की खोज करनी होगी। बहुत समय निकल चुका है...निर्णय जल्द होना चाहिए और किसी ऐसी शख्सियत को मौका दिया जाना चाहिए जो एक नई ऊर्जा कांग्रेस पार्टी में भी पैदा कर पाये।’’
उनसे जब कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आपका नाम भी आ रहा है तो उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की कार्यसमिति हैं जिसमें 23 या 24 सदस्य हैं और विस्तृत कार्यसमिति है जिसमें 52 या 53 सदस्य रहते हैं। सभी सदस्यों को साथ मिलकर ये संयुक्त निर्णय लेना होगा।’’ सिंधिया ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति का सामना मुझे मेरे जीवनकाल में नहीं करना पड़ा और मैं यह दोबारा कहूंगा कि (कांग्रेस अध्यक्ष का) निर्णय जल्द करना पड़ेगा। सात हफ्ते बीत गये हैं और संयुक्त रूप से साथ मिलकर हमें यह करना पड़ेगा।’’
उनसे जब पूछा गया कि क्या आप कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए तैयार है, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी सत्ता एवं कुर्सी की दौड़ में नहीं रहा हूं। जो भी मुझे मौका दिया गया है उसे जिम्मेदारी से निभाया है। विकास के लिए लडूंगा, लेकिन कुर्सी एवं सत्ता के लिए कभी नहीं लडूंगा।’’ सिंधिया ने कहा, ‘‘मैं तो मध्यप्रदेश में था, हूं और अंतिम सांस तक प्रदेश में रहूंगा। मेरी दौड़ सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि जनता की सेवा की है।’’
उनसे जब पूछा गया कि पार्टी अध्यक्ष न रहने पर राहुल की भविष्य में पार्टी में क्या भूमिका रहेगी, तो इस पर उन्होंने कहा, ‘‘यह राहुलजी तय करेंगे कि उनकी क्या भूमिका होगी। कांग्रेस पार्टी तो चाहती है कि उनकी भूमिका अध्यक्ष के रूप में हो। लेकिन उनके निर्णय का भी तो सम्मान करना है। राहुलजी जो चाहते हैं वही उनकी भूमिका रहेगी। उस भूमिका का निर्वहन वह करेंगे।’’