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इंदौर: भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयर्गीय द्वारा एक अधिकारी को क्रिकेट के बल्ले से सरेआम पीटने के घटनाक्रम के छह दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को दी गयी नसीहत पर मध्यप्रदेश में राजनीति तेज हो गयी। सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने आकाश को भाजपा से तुरंत निष्कासित किये जाने की मांग की, जबकि भाजपा ने बल्ला कांड के आरोपी विधायक को लेकर नपा तुला बयान देते हुए कहा कि मामले में पार्टी नेतृत्व के हर आदेश का पालन किया जायेगा।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सख्त लहजे में कहा कि बेटा किसी का भी हो, पार्टी में मनमानी नहीं चलेगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री की स्पष्ट नसीहत के बाद आकाश को पार्टी से बाहर निकालने में भाजपा को अब देर नहीं करनी चाहिये। वैसे भी भाजपा विधायक के पिता कैलाश विजयवर्गीय कल सोमवार को खुद स्वीकार चुके हैं कि उनका बेटा कच्चा खिलाड़ी है।' उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की नसीहत के बाद भाजपा की प्रदेश इकाई के नेता आकाश का महिमामंडन बंद करेंगे।'

इस बीच, प्रधानमंत्री की नसीहत के बाद पार्टी संगठन के स्तर पर आकाश के खिलाफ किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना के बारे में यहां भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय लेता है, उसका सब पालन करते हैं।' शर्मा, भोपाल की हुजूर सीट से विधायक भी हैं। वह यह आरोप लगाने से नहीं चूके कि सूबे की कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है।

भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाये हैं कि सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के इशारे पर बल्ला कांड में पुलिस और प्रशासन के दुरुपयोग से आकाश के खिलाफ अनुचित कार्रवाई की गयी। इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, "चूंकि मामला विशेष न्यायालय में लम्बित है। लिहाजा इस पर मेरा टिप्पणी करना उचित नहीं है।' आकाश के जमानत पर जिला जेल से रिहा होने के बाद भाजपा के स्थानीय कार्यालय में माला पहनाकर उनका स्वागत किये जाने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, 'मुझे इस स्वागत की जानकारी नहीं है।'

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