बैतूल: मध्यप्रदेश में साल 2007 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने पौधरोपण में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए सात करोड़ पौधे लगाने का दावा किया गया था। कांग्रेस द्वारा इस पौधरोपण को शुरुआत से ही फर्जी करार दिया जा रहा था। अब इस वर्ल्ड रिकॉर्ड की पोल मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने खोल दी है। जंगल में पौधे गिरने की जानकारी पर वन मंत्री 26 जून को अचानक बैतूल जिले में पहुंचे। यहां उन्होंने दो डीएफओ समेत आठ वन कर्मियों पर कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि यह शिवराज सरकार का एक बड़ा घोटाला है। जो रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई थी उस पर भरोसा ही नहीं हो रहा था।
वन मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट के बाद हमने तकनीक का सहारा लिया और असलियत जानने के लिए मौके पर भी गए जहां घोटाला सामने आया। उन्होंने बताया कि पूरे मामले में जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
बता दें की बैतूल वन क्षेत्र की शाहपुर रेंज की पाठई बीट के अंतर्गत कक्ष संख्या 227 में दो जुलाई 2017 को शिवराज सरकार ने पौधरोपण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर खूब वाहवाही लूटी थी। जब राज्य में कांग्रेस सत्ता में आई तो वन मंत्री सिंघार वे इसकी पड़ताल की और रिपोर्ट मंगवाई। पौधों की गणना कक्ष क्रमांक 227 में सौ बाई सौ के पांच प्लाट बनाकर तथा पांच टीमों का गठन कर गणना की गई। टीम से मिली रिपोर्ट में यह पाया कि सरकारी रिपोर्ट में 15,625 पौधे रोपित होने की बात है जबकि गढ्ढे 9,375 ही खोदे गए। 60 फीसदी को आधार मानकर की गई गणना में मात्र 2343 यानी 15 फीसदी पौधे ही जीवित मिले।
डीएफओ-एसडीओ रेंजर पर गिरी गाज
वन मंत्री ने वनकर्मियों के साथ अपने प्रतिनिधियों को साथ रख कर किए भौतिक सत्यापन के बाद उत्तर वन मंडल के तत्कालीन डीएफओ संजीव झा, वर्तमान डीएफओ राखी नंदा, एसडीओ बीपी बथमा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए वन मुख्यालय अटैच कर दिया है। वहीं शाहपुर रेंज के तात्कालीन रेंजर गुलाब सिंह बर्डे, वर्तमान रेंजर जीएस जाटव, वनपाल मूलचंद परते, फिरोज खान और नाकेदार सतीश कवड़े को निलंबित कर दिया है।