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भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज (रविवार) यहां दूसरे दिन अपना अनिश्चितकालीन उपवास तोड़ दिया। प्रदेश में शांति बहाली के लिए वह यहां भेल दशहरा मैदान में उपवास पर कल ही बैठे थे। उपवास तोड़ने से पहले चौहान ने कहा, ‘‘प्रदेश में शांति बहाली हो गई है। कल और आज कोई भी हिंसा की रिपोर्ट मध्यप्रदेश से नहीं आई है। इसलिए अब मैं उपवास तोड़ रहा हूं।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने चौहान को एक गिलास नारियल पानी पिलाकर उनका उपवास तुड़वाया। इससे पहले केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं थावरचंद गहलौत, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा सहित वहां उपस्थित लोगों ने मुख्यमंत्री से उपवास समाप्त करने का अनुरोध किया। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चौहान के इस उपवास को कल ‘नौटंकी’ बताया था। चौहान ने कहा, ‘‘मंदसौर जिले में छह जून को किसान आंदोलन के दौरान पांच किसानों के मारे जाने के लिए जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी।’’ मंदसौर इस किसान आंदोलन का मुख्य केन्द्र रहा। वहां पर छह जून को पुलिस की गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गये थे। इसके बाद किसान आंदोलन और उग्र हो गया था तथा इस दौरान प्रदेश में विशेष तौर पर पश्चिमी मध्यप्रदेश में हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ एवं लूटपाट की कई घटनाएं हुईं।

इससे आहत होकर शांति बहाली के लिए मुख्यमंत्री उपवास पर बैठे थे। मीडिया रिपोर्ट से ऐसे संकेत मिल रहे थे कि शिवराज सिंह चौहान उपवास तोड़ सकते हैं। उनसे उपवास तोड़ने से जुड़ी अपील आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों ने की है। कल मंदसौर में मारे गए 6 किसानों में से 4 किसानों के परिजनों से वो मिले और उपवास ख़त्म करने को कहा। शनिवार को इन परिवारों को भी शिवराज ने कहा कि सूबे में शांति होते ही वे उपवास ख़त्म कर देंगे। शिवराज ने कहा कि यह उपवास उन्‍होंने प्रदेश में शांति के लिए किया है और जब तब हिंसा खत्‍म नहीं हो जाती और पूरे प्रदेश में शांति नहीं हो जाती, वो उपवास नहीं तोड़ेंगे। हालांकि उन्‍होंने इशारा किया कि रविवार को सभी परिस्थितयों को देखते हुए और तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद ही वे अंतिम फैसला लेंगे। गौरतलब है कि चौहान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साए में प्रदेश में शांति बहाली के लिए अपना अनिश्चितकालीन उपवास शनिवार को शुरू किया। जिस मंच पर वह उपवास के लिए बैठे, उस पर गांधीजी की एक बड़ी तस्वीर लगी हुई थी। चौहान के उपवास स्थल पर पहुंचने से ठीक पहले मंच पर महात्मा गांधी की तस्वीर रखी गई। उपवास शुरू करने से पहले चौहान को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने तिलक लगाकर विधिवत उपवास पर बैठाया। उसके बाद, चौहान सत्य एवं अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की तस्वीर के पास में ही बैठ गये और अपना अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया। बता दें कि राज्य में 6 जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी और छह अन्य किसान घायल हो गये थे। इसके बाद किसान भड़क गये और किसान आंदोलन समूचे मध्यप्रदेश में फैल गया तथा और हिंसक हो गया। अपनी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने और कर्ज माफी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने यह आंदोलन किया।

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