मुंबई: वसूली के आरोपों में फंसे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, मुंबई क्राइम ब्रांच ने परमबीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट की मांग लेकर कोर्ट का रुख किया है। अब इस मामले पर सुनवाई 29 अक्तूबर को होगी। वहीं अब इस मामले पर जानकारी देते हुए मुंबई क्राइम ब्रांच ने कहा कि हमने नौ अक्तूबर को वसूली मामले में पूछताछ के लिए परमबीर सिंह को समन भेजा था पर वो नहीं आए और ना ही किसी तरह का उचित जवाब दिया। इसके बाद ही हमने कोर्ट का रुख किया है। परमबीर के खिलाफ राज्य में कम से कम पांच आपराधिक मामले सामने आने और देश छोड़कर भागने की आशंका के बाद ताजा नोटिस दायर किया गया था।
बिमल अग्रवाल के आरोप पर परमबीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज
बिल्डर सह होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल की शिकायत पर गोरेगांव थाने में परमबीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह रेस्टोरेंट पर छापेमारी में बचने के लिए उनसे 9 लाख रुपये की जबरन वसूली की, और उन्हें उनके लिए लगभग 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए मजबूर किया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि घटना जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच हुई। प्राथमिकी में परमबीर सिंह के अलावा बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, सुमित सिंह उर्फ चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ बबलू और गैंगस्टर छोटा शकील के गुर्गे रियाज भाटी को आरोपी बनाया गया है।
एंटीलिया मामले में गई थी परमबीर सिंह की कुर्सी
बता दें कि दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटकों वाली एक एसयूवी के मामले में सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटा दिया गया और होमगार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद परमबीर सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि उन्होंने सचिन वाजे को मुंबई के होटलों और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये लेने के लिए कहा था, हालांकि इस आरोप से देशमुख ने इनकार किया।