मुंबई (जनादेश ब्यूरो): क्रूज ड्रग्स मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को बुधवार को भी जमानत नहीं मिल सकी। बुधवार को भी बॉम्बे हाईकोर्ट में बहस पूरी नहीं हो सकी और अब सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। आर्यन की जमानत का इंतजार अब और बढ़ गया है। तीनों आरोपियों के वकीलों की तरफ से बहस पूरी हो चुकी है और अब गुरुवार को एनसीबी की तरफ से एएसजी अपना पक्ष रखेंगे। एएसजी का कहना है कि उन्हें बहस को खत्म करने में करीब एक घंटे का समय लगेगा। एनसीबी द्वारा 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से एनसीबी की हिरासत और बाद में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान को मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी ज़मानत देने से इंकार कर दिया था।
इससे पहले, सेशन्स कोर्ट और उससे भी पहले मजिस्ट्रेटी अदालत ने आर्यन को ज़मानत देने से इंकार कर दिया था और वह पिछले 24 दिन से एनसीबी की कस्टडी और फिर जेल में ही बंद रहे हैं। मंगलवार को आर्यन खान के वकील मुकुल रोहतगी ने ज़मानत दिए जाने की वकालत करते हुए कहा था, "आरोपी कस्टमर नहीं था।
उन्होंने कहा था, आरोपी के पास से कोई रिकवरी (नशीला पदार्थ) नहीं हुई थी, उन्होंने ड्रग्स का सेवन भी नहीं किया था, इसलिए उनकी गिरफ्तारी ही गलत थी।"
बुधवार को आज जब सुनवाई शुरू हुई तो अरबाज मर्चेंट की ओर से पेश मित देसाई ने कहा, 'आर्यन, अरबाज और मुनमुन के खिलाफ नशीली दवाओं की बिक्री, खरीद और उपयोग का आरोप है, लेकिन पंचनामा में 'उपयोग' के बारे में नहीं कहा गया। उपयोग करने के आरोप का कोई उल्लेख नहीं है। यह केवल व्यक्तिगत उपभोग के बारे में है, इसलिए गिरफ्तारी पंचानमे ने ही साजिश की बात को खारिज कर दिया है।'देसाई ने कहा, 'इस बात के साफ संकेत हैं कि यह कंजेम्शन (ड्रग्स के) से ज्यादा का मामला नहीं है। अमित देसाई ने कहा, हम सब जांच के लिए उपलब्ध है। जांच की गई है और आगे कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। हमें जमानत दी जानी चाहिए।'
देसाई ने कहा, इस मामले में दो आरोपियों को जमानत पर छोड़ा गया है। ये छोटे बच्चे हैं, जो एक पार्टी के लिए आए थे, उन दोनों को भी धारा 29 के तहत आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनके मामले भी समान थे, लेकिन विद्वान न्यायाधीश ने उन्हें जमानत दे दी। जबकि वो लड़के जहाज पर थे, उन्होंने पार्टी का आनंद लिया और गिरफ्तार होने पर वापस आ गए। उन लड़कों में से एक से एक छोटी सी रिकवरी हुई थी। मनीष और अविन आरोपी थे। वे दो स्वतंत्र व्यक्ति थे। इन सभी लोगों के बीच कोई संबंध नहीं है।
आर्यन खान की ओर से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कहा, आर्यन का अरेस्ट मेमो देखिए। एक जैसा है। इसमें जो आइटम हैं वो मुझसे (आशय आर्यन से है) बरामद नहीं हुए हैं। जबकि कानून कहता है कि आपको इसके लिए सही और सही आधार देना चाहिए। रोहतगी ने कहा, 'सीआरपीसी के सेक्शन 50 से अधिक महत्वपूर्ण संविधान का आर्टिकल 22 है। अरेस्ट किए जा रहे किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार की जानकारी दिए बिना अरेस्ट नहीं किया जाएगा और ऐसे शख्स को अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने का अधिकार होगा।'
मुकुल रोहतगी ने कहा कि यदि कोई संवैधानिक जानकारी है, तो उसे रिमांड से ठीक नहीं किया जा सकता है। उनके पास मेरा (मुवक्किल का) फोन है। आपको बताएंगे कि उनके पास व्हाट्सएप चैट है। मैं असमर्थ हूं क्योंकि मुझे नहीं पता कि उनके पास क्या है? उन्होंने तब तक सब कुछ होने के बावजूद अदालत को गुमराह करने का फैसला किया। गिरफ्तारी के वक्त मेरे पास (आशय आर्यन खान से) कुछ भी नहीं था।