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पुणे: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपना अनशन मंगलवार को खत्म कर लिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अन्ना की मांगें स्वीकार कर ली है। लोकपाल की मांग को लेकर सातवें दिन जारी अनिश्चितकालीन अनशन के बाद मंगलवार को पुणे के रालेगन सिद्धि में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और दो केन्द्रीय मंत्रियों ने उनसे मुलाकात की। फड़णवीस के साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे भी साथ थे।

30 जनवरी को अनशन शुरू करने के बाद मंत्रियों और अन्ना हजारे के बीच यह दूसरी बार की बातचीत थी। इससे पहले सोमवार को भामरे और महाराष्ट्र के मंत्री गिरिश महाजन ने अन्ना हजार से बात कर उनसे भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की थी। गौरतलब है कि लोकपाल कानून जनवरी 2014 से अस्तित्व में आ चुका है। केंद्र सरकार को लोकपाल और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करनी है। मोदी सरकार पिछले चार साल नौ महिने में इस नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा नही कर सकी है।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्त रूख ​अख्तियार किया है। शीर्ष अदालत ने लोकपाल की चयन समिति को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया है कि लोकपाल और उसके सदस्यों के नाम फरवरी के अंत तक तय किये जाएं।

अन्ना हजारे ने देवेंद्र फडणवीस व दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ रालेगण सिद्धी में एक मैराथन बैठक के बाद अपना अनशन खत्म कर लिया। हजारे (81) ने लोकपाल एवं लोकायुक्तों की नियुक्ति के मुद्दे पर बीते 30 जनवरी को बेमियादी अनशन शुरू किया था। उन्होंने बताया कि फडणवीस और अन्य मंत्रियों से संतोषजनक बातचीत के बाद मैंने अपना अनशन खत्म करने का फैसला किया है। 

दोपहर में हजारे के गांव रालेगण सिद्धी पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस ने जानेमाने समाजसेवी से काफी देर तक बात करने के बाद कहा कि सरकार ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली है। फडणवीस ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह और सुभाष भामरे और महाराष्ट्र के मंत्री गिराश महाजन हजारे से वार्ता के दौरान मौजूद थे। 

हजारे ने केंद्र में लोकपाल एवं उन राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग को लेकर अपना अनशन शुरू किया था जिन राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी करने वाली ऐसी वैधानिक संस्था का अब तक गठन नहीं हुआ है।

30 जनवरी को शुरू किया था अनशन

अन्ना के स्वास्थ्य की चिंताओं के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दो केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को गांधीवादी नेता से मुलाकात की और उनसे अनशन समाप्त करने का आग्रह किया। भ्रष्टाचार निरोधक नियामक के गठन की मांग को लेकर हजारे ने 30 जनवरी को अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत की थी और चिकित्सकों के मुताबिक पिछले सात दिनों में उनका वजन चार किलो 30 ग्राम कम हो चुका है। 

फडणवीस दोपहर में हजारे के गांव अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि पहुंचे और उनसे बातचीत की। केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह और सुभाष भामरे और महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन भी उनके साथ थे। मुख्यमंत्री ने हजारे से अनशन खत्म करने का आग्रह किया। कार्यकर्ता के एक सहयोगी ने कहा, अन्ना ने केंद्र और राज्य सरकारों में लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति को लेकर नाखुशी जताई। 

हजारे ने केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति और किसानों के मुद्दों को सुलझाने की मांग के साथ अनशन की शुरुआत की थी। उन्होंने चुनावों में सुधार के अलावा किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने की भी मांग की।

 

 

 

 

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