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नई दिल्ली: मिजोरम विधानसभा में 28 नवंबर को 40 सीटों पर होने जा रही वोटिंग से पहले बड़ी खबर है। खबर ये है कि चुनाव आयोग ने मिजोरम के मुख्य चुनाव अधिकारी को हटाने का आदेश सुनाया है। शशांक को हटाने की मांग लंबे समय से चल रही थी। निर्वाचन अधिकारी को हटाने की मांग के बीच चुनाव उपायुक्त की टीम जांच के लिए मिजोरम पहुंची थी।

उनकी रिपोर्ट के बाद ही आयोग ने निर्वाचन अधिकारी को बदलना का फैसला किया। मिजोरम की सिविल सोसायटी के लोगों ने चुनाव आयोग से एसबी शशांक को हटाने और त्रिपुरा में शरणार्थी ब्रू समुदाय के लोगों को मिजोरम की सीमा में मतदान करने देने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने दोनों मांगें स्वीकार कर ली है।

 

क्यों उठी अधिकारी को हटाने की मांग?

मीडिया रिर्पोटस के मुुताबिक शशांक ने निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी कि चुआउंगो चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ललथनहवला ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था, ‘‘चूंकि लोगों का मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस बी शशांक पर से भरोसा उठ गया है तो 2018 विधानसभा चुनाव के सुचारू संचालन के लिए एकमात्र समाधान, सीईओ एस बी शशांक को फौरन पद से हटाना होगा।’’ दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत शशांक के चुनाव आयोग को पत्र लिखने के बाद हुई। इस पत्र में शशांक ने आरोप लगाया कि मिजोरम सरकार और लालननमाविआ चुआंगो आने वाले विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं।

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