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शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला तथा अन्य हिस्सों में पिछले कुछ समय से गहराए जल संकट को गंभीरता से लेते हुए राजधानी में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के आदेश दिए। अदालत ने इसी के साथ सेना को भी गोल्फ कोर्स पर पेयजल की बर्बादी बंद करने के आदेश देने को कहा है। न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल तथा न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने आज शिमला नगर निगम को निर्देश दिए कि कम से कम एक सप्ताह के लिये सभी निर्माण कार्यों पर पाबंदी लगाई जाए।

खंडपीठ ने आज मामले की सुनवाई की और इस मौके पर नगर निगम आयुक्त तथा उपायुक्त उपस्थित हुए। खंडपीठ ने कहा कि निगम तथा जिला प्रशासन को सेना को गोल्फ कोर्स पर पीने के पानी की बर्बादी रोकने को कहना चाहिए तथा शहर में पेयजल के एटीएम लगाने चाहिए। अदालत ने कहा कि पानी की किल्लत झेल रहे लोगों को राहत देने के लिये बेहतर होगा कि मंत्रियों, जज और अधिकारियों सहित वीआईपी लोगों को पानी के टैंकर मुहैया न कराये जाए।

उन्होंने कहा कि आग जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिये भी पानी का पर्याप्त स्टाक होना चाहिये तथा निगम को पानी आबंटन की सारिणी के बारे में नियमित वेबसाइट अपडेट करनी चाहिए। न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल आपूर्ति व्यवस्था के बारे में आने वाली हर फोन को सुना जाए।

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