नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है,‘मैं राज्य के लोगों का दिल जीतने और यह सुनिश्चित करने के वास्ते तत्काल कदम उठाने के लिए आपसे ध्यान देने का आग्रह करता हूं कि जल्द से जल्द कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल हो।’ राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने इस बात को लेकर खेद जताया कि कश्मीर में स्थिति को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आज़ाद ने समाधान के लिए ‘राजनीतिक प्रक्रिया’ पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि पूववर्ती सरकारों ने उकसावे की सबसे खराब स्थिति में भी बाहरी या आंतरिक मोर्चे पर उसे कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने लिखा ‘तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिल्ली-लाहौर बस सेवा के बाद उठायी गई इस पहल की सभी ने प्रशंसा की थी कि कश्मीर मुद्दे का हल ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ के दायरे में किया जा सकता है।’ कांग्रेस नेता के मुताबिक इसी तरह से मनमोहन सिंह की अगुवाई में तत्कालीन संप्रग सरकार ने उरी-मुजफ्फराबाद और पुंछ -रावलकोट के बीच बस सेवा शुरू करके राज्य के लोगों का दिल जीतने के लिए कुछ ठोस कदम उठाये थे। आज़ाद ने अपनी पूरा बात करते हुए लिखा कि ‘दुर्भाग्य से आपके नेतृत्व वाली वर्तमान राजग सरकार की ओर से ऐसी कोई पहल सामने नहीं आ रही है।’
आज़ाद ने अफसोस जताते हुए लिखा कि सरकार 2008 और 2010 के विरोध प्रदर्शनों से 'सबक लेना या तो भूल गई' है या उसे अनदेखा कर रही है। उस वक्त सरकार ने समस्या के राजनीतिक पहलू को समझा था और कम से कम एक प्रक्रिया की शुरूआत करते हुए सर्व दल संसदीय प्रतिनिधित्व मंडल को घाटी भेजा था।